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झारखंड भाजपा के पास न प्रबंधक, न चेहरा

ByNI Political,
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झारखंड भाजपा के पास न प्रबंधक, न चेहरा
Jharkhand BJP BabuLal Marandi : झारखंड में भाजपा चाहती जरूर है कि जेएमएम-कांग्रेस की सरकार गिरे और भाजपा की सरकार बने। इसके लिए कुछ प्रयास किए जाने की भी खबर है। लेकिन असल में भाजपा की ओर से सरकार गिराने का प्रयास पेशेवर और अनुभवी लोगों की बजाय अमेच्योर लोगों ने किया था और उन्होंने सरकार को एलर्ट कर दिया। उन्होंने इतने आधे-अधूरे तरीके से सरकार गिराने का प्रयास किया, जिसका सफल होना संभव ही नहीं था। दूसरे, भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है, जिसे आगे करके जेएमएम, कांग्रेस नेताओं को भरोसा दिलाया जा सके कि वे पाला बदल कर भाजपा में आते हैं तो उनके चेहरे पर चुनाव जीत सकते हैं। बाबूलाल मरांडी को भाजपा बड़ी उम्मीद के साथ पार्टी में लाई थी, लेकिन वे अपनी पार्टी के दो विधायकों- बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को अपने साथ भाजपा में नहीं ले जा सके। तीन विधायकों की अपनी पार्टी से वे अकेले भाजपा में गए और बाकी दो लोग कांग्रेस में चले गए। इसे लेकर हुए विवाद की वजह से अभी तक उनको नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाया है और भाजपा की ओर से कोई नेता इस पर उनका साथ नहीं दे रहा है। Read also जाति आधारित जनगणना क्यों जरूरी है? सोचें, भाजपा का कोई विधायक उनको नेता विपक्ष बनाने के लिए दबाव नहीं बना रहा है तो उनको मुख्यमंत्री बनाने के लिए कौन साथ देगा! उनके अलावा मुख्यमंत्री पद के जितने भी दावेदार हैं, उनमें से कोई भी विधायक नहीं है। अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी केंद्रीय मंत्री हैं और रघुवर दास न विधायक हैं और न सांसद। विधायकों में से पार्टी के पास पांच बार चुनाव जीते नीलकंठ मुंडा हैं। पार्टी अगर उनको आगे करे तो वे आदिवासी और ईसाई बहुल इलाकों के जेएमएम और कांग्रेस के विधायकों को जीत का भरोसा दिला सकते हैं। गुमला, लोहरदगा, खूंटी के इलाके में उनके परिवार का अच्छा खासा असर है। लेकिन न तो खुद नीलकंठ मुंडा बहुत सक्रिय हैं और न पार्टी की ओर से उनको सक्रिय किया जा रहा है। इसलिए अभी झारखंड सरकार के डरने का कोई स्पष्ट कारण नहीं है फिर भी सरकार डरी हुई है। Jharkhand BJP BabuLal Marandi.
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