
झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है पर राज्य में राजनीति तेज हो गई है। अगले महीने के पहले हफ्ते में चुनाव की घोषणा होगी उससे पहले प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के कई विधायक व नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार पिछले दिनों कांग्रेस छोड़ कर झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हुए हैं। रामेश्वर उरांव को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी में भगदड़ के हालात हैं और प्रभारी महासचिव आरपीएन सिंह उसे संभाल नहीं पा रहे हैं। भाजपा ने दो राज्यों में चल रहे चुनावों के बीच ही विपक्षी नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। ऐसा लग रहा है कि पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों के लिए भरती शिविर लगा रखा है। यह इसके बावजूज हो रहा है कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और पार्टी के नेता सार्वजनिक मंचों से भाजपा की जीत सौ फीसदी पक्की मान रहे हैं। पिछले दिनों जेएमएम के नेता शशिभूषण मेहता को पार्टी में शामिल कराया गया। हत्या के आरोपी मेहता को पार्टी में शामिल करने का बड़ा विरोध हुआ। आम लोग भी सड़कों पर उतरे पर पार्टी ने पलामू इलाके में अपने को मजबूत करने के लिए सारे विरोध को दरकिनार कर उनको शामिल करा लिया। जेएमएम के मांडू से विधायक जेपी पटेल जल्दी ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने खुद ही इसकी जानकारी दी है। वे राज्य के बड़े महतो नेता रहे दिवंगत टेकलाल महतो के बेटे हैं।
कहा जा रहा है कि उनके ससुर और जेएमएम के एक और कद्दावर नेता मथुरा महतो भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वैसे चर्चा तो गिरिडीह से लोकसभा का चुनाव लड़े जेएमएम विधायक जगन्नाथ महतो के भी भाजपा में जाने की है। कोल्हान इलाके के कई विधायकों और नेताओं के भी भाजपा में जाने की खबर है। कांग्रेस के भी कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चा है। पार्टी के विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत भी नाराज हैं और एक दूसरे मनोज यादव के भी नाराज होने की खबर है। मनोज यादव पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रहे हैं और चतरा लोकसभा सीट से इस बार चुनाव भी लड़े थे।