
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन नीति पर यू-टर्न क्यों लिया? इसके कई कारण हो सकते हैं। राज्यों का दबाव था, उनको खुद भी लग रहा था कि वैक्सीनेशन की गाड़ी पटरी से उतर गई थी और यह भी एक कारण था कि वैक्सीन की उपलब्धता अब दिखने लगी थी। लेकिन जो मुख्य कारण था वह सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की यह टिप्पणी थी कि केंद्र सरकार की वैक्सीनेशन तर्कहीन और मनमानी है। इसके बाद ऐसा नहीं लग रहा था कि सरकार किसी भी तर्क से अपनी इस नीति को अदालत में न्यायसंगत ठहरा पाएगी। तभी सोमवार को जब प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीनेशन नीति पर यू-टर्न की घोषणा की तो सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा लोगों को जस्टिस चंद्रचूड़ को धन्यवाद कहा और बधाई दी।
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लेकिन इसके साथ ही उनसे लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गईं। ध्यान रहे जस्टिस चंद्रचूड़ ने वैक्सीन नीति के साथ साथ राजद्रोह कानून को लेकर तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने इस कानून की समीक्षा की जरूरत बताई थी। सुनवाई के समय उन्होंने सरकारों पर तंज करते हुए सवालिया लहजे में कहा था कि गंगा में बहती लाशों के विजुअल दिखाने पर चैनल वालों के ऊपर राजद्रोह के मुकदमे हुए या नहीं,य़ह बहुत सख्त टिप्पणी थी। सो, अब लोग उम्मीद कर रहे हैं कि राजद्रोह कानून या आईपीसी की धारा 124 (ए) को लेकर भी जस्टिस चंद्रचूड़ कुछ ऐसा कर सकते हैं, जिससे लोगों को अंग्रेजी राज में बने इस डरावने कानून से लोगों को मुक्ति मिले। वैक्सीन नीति में बदलाव के बाद से सामाजिक कार्यकर्ता, किसान आंदोलन के समर्थक आदि सबने बड़ी बड़ी उम्मीदें बांध ली हैं।