
कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद को भाईजान बताते हुए पद्म भूषण पुरस्कार मिलने की बधाई दी और अपनी पार्टी पर तंज करते हुए कहा कि देश को गुलाम नबी आजादी के योगदान की कद्र है लेकिन कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है। सोचें, कपिल सिब्बल क्या इतने भोले हैं कि उनको नहीं पता है कि केंद्र सरकार ने गुलाम नबी आजाद को उनको किसी योगदान के लिए पद्म पुरस्कार नहीं दिया है। इस तरह के योगदान और सामाजिक सेवा के लिए पद्म पुरस्कार दिए जाने लगें तो कांग्रेस के कम से कम एक सौ नेता दावेदार होंगे। सरकार ने खुद कपिल सिब्बल को क्यों नहीं उनके योगदान के लिए पद्म भूषण दे दिया? कपिल सिब्बल जितने काबिल वकील हैं उनको पता होगा कि सरकार ने गुलाम नबी आजाद को किस लिए पुरस्कार दिया है। Kapil Sibal and bhaijan
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इसके बावजूद सिब्बल ने इसका बहाना बना कर कांग्रेस नेतृत्व पर तंज किया तो इसका मतलब गहरा है। इसका मतलब है कि सिब्बल को आगे का प्लान पता है और वे उसका हिस्सा हैं। कांग्रेस संगठन चुनावों को लेकर आलाकमान को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को जब भी भाजपा का आदमी बताया जाता है तो कपिल सिब्बल नाराज हो जाते हैं। लेकिन भाजपा की सरकार ने आजाद को पद्म भूषण दिया तो वे खुश हो गए। दूसरी ओर जयराम रमेश और कई नेताओं ने आजाद के ऊपर तंज किया। एक तरफ आजाद को निशाना बनाने वाले और दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान को निशाना बनाने वाले। दोनों में टकराव बढ़ेगा। कांग्रेस नेतृत्व को एक बड़े पलायन के लिए तैयार रहना चाहिए।