कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की बनने वाली सरकार पांच गारंटियों को किस तरह से लागू करती है, कितनी जल्दी लागू करती है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उसका लाभ पहुंचाने के लिए क्या करती है, उसका बड़ा असर दूसरे राज्यों में होगा। ध्यान रहे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था तो उसे लागू कर दिया। इससे दूसरे राज्यों में भरोसा बनाने में कांग्रेस को मदद मिली। इसके उलट भाजपा ने उत्तर प्रदेश में वादा किया था कि होली और दिवाली पर वह एक एक सिलिंडर मुफ्त में देगी, जिस पर पूरी तरह से अमल नहीं हुआ तो कर्नाटक में लोगों को उसके वादे पर भरोसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया और बताया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने मुफ्त सिलिंडर नहीं दिए हैं। ध्यान रहे भाजपा ने कर्नाटक में तीन सिलिंडर मुफ्त देने का वादा किया था।
कांग्रेस का कहना है कि वह पहली कैबिनेट में पांचों गारंटियों को लागू कर देगी। कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि इसका कैबिनेट नोट भी बना हुआ है। इसे लागू करने के बाद एक बड़ी चुनौती इसे जल्दी से जल्दी और प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंचाने का सिस्टम बनाने की होगी। राजधानी दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल सरकार को मुफ्त बिजली की व्यवस्था बनाने में समय लगा था। कर्नाटक बड़ा राज्य है और वहां दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली की व्यवस्था लागू करना चुनौती वाला काम है।
इसी तरह डिग्रीधारी बेरोजगार युवाओं को तीन हजार और डिप्लोमाधारियों को डेढ़ हजार रुपए महीना देने की व्यवस्था भी आसान नहीं होगी। महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा या घर की महिला मुखिया को दो हजार रुपया देने की भी व्यवस्था बनानी होगी। कांग्रेस यह व्यवस्था जितनी जल्दी बनवाएगी इस साल होने वाले दूसरे राज्यों के चुनावों में उसका उतना लाभ मिल पाएगा। ध्यान रहे अगले छह महीने में तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। कर्नाटक के प्रयोग को कांग्रेस इन राज्यों में लागू कर सकती है।