कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है कि कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेता के पहुंचने का सिलसिला तेज हो रहा है। एक तरफ जहां भाजपा में बड़े नेताओं की मांग है वही दूसरी तरफ कांग्रेस के बड़े नेताओं की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। कर्नाटक में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अपने प्रचार से संतुष्ट हैं या फिर वे प्रदेश के नेताओं की रैली और रोड शो कराना चाह रहे हैं। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को छोड़ कर बाकी किसी राष्ट्रीय नेता की डिमांड नहीं है, जबकि कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मान रहे हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस जीत रही है तो उसमें उनकी भी भूमिका दिखाई दे। इसलिए वे जबरदस्ती प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस उम्मीदवार प्रदेश के तीनों बड़े नेताओं की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की सबसे ज्यादा मांग है। ये तीनों नेता तीन बड़े वोट बैंक- दलित, वोक्कालिगा और ओबीसी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनका चेहरा जाना पहचाना है और यह भी माना जा रहा है कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो इन तीनों में से ही कोई मुख्यमंत्री बनेगा। यह भी बताया जा रहा है कि उत्तरी और तटीय कर्नाटक में कांग्रेस के कुछ नेता जगदीश शेट्टार से भी प्रचार कराना चाह रहे हैं। उनका मानना है कि इससे लिंगायत वोट का कुछ फायदा हो सकता है। दूसरी ओर भाजपा के पास प्रादेशिक नेताओं की कमी है या उम्मीदवार उनसे प्रचार कराना नहीं चाहते हैं। वे राष्ट्रीय नेताओं की रैली कराने की मांग कर रहे हैं ताकि चुनाव को स्थानीय मुद्दों से हटा कर राष्ट्रीय मुद्दों पर ले जाया जाए।