कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक हफ्ते के भीतर दो बार कर्नाटक में चुनाव प्रचार करने गए और दोनों बार दो दो दिन रूके और कई सभाएं कीं। वे धार्मिक कार्यक्रमों में भी गए और अलग अलग समूहों के साथ संवाद किया। अब वे फिर 27 को कर्नाटक जाएंगे और 27-28 को चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। उसके बाद 30 अप्रैल को उनका कर्नाटक जाने का कार्यक्रम है। इसक बीच 23-24 दो दिन कर्नाटक में बीता कर वे लौटे तो 25 को प्रियंका गांधी वाड्रा प्रचार के लिए पहुंची। इस तरह यह दिख रहा है कि दोनों ने बहुत जोर लगाया है। लेकिन 30 अप्रैल के बाद राहुल गांधी के कर्नाटक जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। तो क्या वे प्रचार के आखिरी चरण में कर्नाटक से दूर रहेंगे?
ध्यान रहे कर्नाटक में आठ मई तक प्रचार होना है और 10 मई को मतदान है। मई के पहले आठ दिन प्रचार के लिए सबसे अहम है और इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा जोर लगाएंगे। भाजपा उनके सारे दौरे आखिरी 10 दिन में प्लान कर रही है। वे आखिरी 10 दिन में 20 से ज्यादा रैलियां करने वाले हैं। उसी समय कांग्रेस के दोनों स्टार प्रचारकों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी कर्नाटक में जोर लगाना होगा। प्रधानमंत्री मोदी जब प्रचार के लिए उतरेंगे तो उनकी रैलियां और रोड शो चुनाव की दिशा बदलने वाले होंगे। सबने देखा है कि वे कितना सघन प्रचार करते हैं और कैसे चुनाव के मुद्दों को बदल देते हैं।