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कर्नाटक में कांग्रेस व भाजपा में कौन किसके सहारे?

ByNI Political,
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भाजपा के शीर्ष नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान एक गंभीर बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दिवालिया हो गई है। वह भाजपा छोड़ कर गए नेताओं के सहारे राजनीति कर रही है। हालांकि भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में दो ही बड़े नेता गए हैं। एक पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और दूसरे पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी। ये दोनों भी अपनी अपनी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ये कांग्रेस को चुनाव लड़वा रहे हैं या कांग्रेस ने इनको मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया है। फिर भी अमित शाह ने कहा कि भाजपा नेताओं के सहारे चुनाव लड़ रही है कांग्रेस।

सोचें, यह बात उन्होंने कर्नाटक में खड़ होकर कही, जहां भाजपा के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हैं, जो जेडीएस से आए हुए हैं। भाजपा उनके चेहरे पर चुनाव लड़ रही है और वे कोई 12 साल पहले जेडीएस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। उनकी कोई आरएसएस की पृष्ठभूमि नहीं है और उनके पिता स्वर्गीय एसआर बोम्मई जनता दल के नेता के तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। कर्नाटक में भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा को अपनी पार्टी में शामिल करा कर उनके सहारे वोक्कालिगा वोट हासिल करने की राजनीति की। पिछली बार उनको पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

इसी साल के शुरू में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए, जिसमें त्रिपुरा में भाजपा की दूसरी बार सरकार बनी। वह चुनाव भाजपा ने कांग्रेस छोड़ कर गए मानिक साहा के नाम पर लड़ा था। मानिक साहा कुछ ही साल पहले 2016 में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। उनको भाजपा ने राज्यसभा में भेजा, प्रदेश अध्यक्ष बनवाया और फिर अपने मुख्यमंत्री बिप्लब देब को हटा कर उनको मुख्यमंत्री बनाया। इस बार का चुनाव भाजपा ने उनके चेहरे पर ही लड़ा। असम में भाजपा के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा है, जो 2015 में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए। वे तरुण गोगोई की लगातार तीन सरकारों में मंत्री रहे थे। तब भाजपा ने उन पर बड़े आरोप लगाए गए थे। लेकिन अब भाजपा सिर्फ असम में उनके सहारे नहीं है, बल्कि समूचे पूर्वोत्तर में उनके सहारे भाजपा की राजनीति चल रही है।

पंजाब में भाजपा पहले अकाली दल के सहारे राजनीति करती थी लेकिन पिछला चुनाव कांग्रेस छोड़ कर भाजपा से तालमेल करने वाले कैप्टेन अमरिंदर सिंह के सहारे लड़ा था और आगे के चुनावों में कैप्टेन के परिवार की बड़ी भूमिका रहेगी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सरकार बनवाई और बदले में केंद्र में मंत्री बने। अब पार्टी उनके नाम पर मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने की संभावना तलाश रही है। बिहार में राजद से आए सम्राट चौधरी को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है और अब सारी राजनीति उनके भरोसे और उनके सहारे हो रही है।

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