कर्नाटक में दो महीने बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा होनी है। मार्च में चुनाव की घोषणा होगी और अप्रैल में राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। यानी कुल मिला कर तीन महीने से भी कम समय सरकार के पास हैं। क्योंकि चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। इसके बावजूद इन तीन महीनों के लिए नए मंत्री बनाए जाने हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को मंत्रिमंडल का विस्तार करने की इजाजत दे दी है। यह भी बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों पर भी सहमति बन गई है। भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक राजनीतिक रूप से मजबूत ऐसे चेहरे शामिल किए जा रहे हैं जो अभी नाराज हैं और चुनाव में नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र का नाम है। जब येदियुरप्पा हटे थे तभी से कहा जा रहा था कि विजयेंद्र मंत्री बनेंगे। लेकिन उनको न तो विधान परिषद की सीट मिली और न मंत्री बनाया गया। वे विधायक नहीं है इसके बावजूद उनको मंत्री बनाने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि अब छह महीने के अंदर चुनाव होना है और वे अपने पिता की शिकारीपुरा सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं। विजयेंद्र के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। उनको कुछ आरोपों की वजह से सरकार से हटाया गया था। जरकिहोली बंधुओं में से एक रमेश जरकिहोली को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। ध्यान रहे ईश्वरप्पा और रमेश जरकिहोली ने पार्टी नेतृत्व पर दबाव डालने के लिए पिछले विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया था। इन तीन के अलावा कम से कम दो और लोग मंत्री बनाए जा सकते हैं।