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कर्नाटक भाजपा में विवाद नहीं थमेगा

ByNI Political,
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कर्नाटक भाजपा में विवाद नहीं थमेगा
Karnataka bommai cabinet expansion कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बदल दिया है। बीएस येदियुरप्पा को हटा कर उनकी सलाह पर बासवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वे भी लिंगायत समुदाय के नेता हैं। तभी उम्मीद की जा रही थी कि इस बदलाव के बाद पार्टी के अंदर कलह थम जाएगी और सारे नेता मिल कर काम करेंगे। लेकिन उलटा हुआ है। नए मुख्यमंत्री की कैबिनेट बनते ही राज्य में विरोध शुरू हो गया है। कई नेताओं ने खुल कर विरोध किया है और उनके समर्थकों  ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन किया है। भाजपा को अपने नेताओं के विरोध प्रदर्शन की उतनी चिंता नहीं है लेकिन कांग्रेस और जेडीएस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं के विरोध ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। उसमें से मंत्री पद के दावेदार रहे कुछ नेता बहुत नाराज बताए जा रहे हैं। Read also स्वभाषाओं का स्वागत लेकिन….? ध्यान रहे भाजपा ने कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों से इस्तीफा करा कर उनकी सरकार गिराई थी और येदियुरप्पा की सरकार बनी थी। बाद में ये लोग उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर जीत कर आए। उनमें से कम से कम दो विधायक ऐसे हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि येदियुरप्पा ने मंत्री बनाने का भरोसा दिया था लेकिन बनाया नहीं गया। कांग्रेस और जेडीएस से भाजपा में शामिल हुए आर शंकर और श्रीमंत पाटिल मंत्री बनने से रह गए। इन दोनों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उधर भाजपा के अपने विधायक दत्तात्रेय चंद्रशेखर पाटिल के समर्थकों ने उनको मंत्री नहीं बनाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया है। भाजपा के एक दूसरे विधायक एसए रामदास ने भी नाराजगी जताई है। येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा के पदाधिकारी बीवाई विजयेंद्र को मंत्री नहीं बनाने का मुद्दा बना है और येदियुरप्पा समर्थक कई नेताओं ने कहा है कि विजयेंद्र के बिना इस कैबिनेट का कोई मतलब नहीं है। सो, महाराष्ट्र भाजपा का विवाद थमने वाला नहीं है और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार इस स्थिति का फायदा उठाने के काम में लग गए हैं।
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