
आमतौर पर सीबीआई जांच की सिफारिश राज्य सरकारें करती हैं या उच्च अदालतों के आदेश से सीबीआई की जांच होती है। यह भी एक नियम है कि सीबीआई की जांच किसी न किसी खास मामले से जुड़ी होती है। सीबीआई किसी घटना की जांच करती है और उस क्रम में घटना से जुड़े लोगों की जांच की जाती है। ऐसा नहीं होता है कि सीबीआई को किसी व्यक्ति की जांच का जिम्मा दिया जाए। पर कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ऐसा किया है। बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने सीबीआई से कहा है कि वह जेल में बंद कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जांच करे। ध्यान रहे शिव कुमार की जांच पहले से चल रही है। आय कर विभाग और ईडी उनकी जांच कर रहे हैं।
शिव कुमार के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। आय कर विभाग की छापेमारी से जो दस्तावेज मिले उनके आधार पर जांच आगे बढ़ी है। पर राज्य सरकार ने सीबीआई से किसी खास मामले की जांच करने को नहीं कहा है। शिवकुमार के ऊपर मंत्री रहते किसी तरह का घोटाला करने, टेंडर आदि में गड़बड़ी करने के आरोप नहीं लगे हैं। इसलिए आय कर विभाग की छापेमारी के बाद काले धन को सफेद बनाने के मामले की जांच ईडी को मिली है।
सवाल है कि सीबीआई किस मामले की जांच करेगी? पर राज्य सरकार को इस सवाल से कोई लेना देना नहीं है। उसने एक खुली जांच की सिफारिश कर दी है। सरकार ने कहा है कि सीबीआई शिवकुमार की जांच करे। जाहिर है सीबीआई जांच करेगी तो शिवकुमार की कोई न कोई गड़बड़ी तो पकड़ में आएगी ही! ऐसा लग रहा है कि अभी तत्काल उनको राहत नहीं मिलने वाली है। जेल में बंद शिवकुमार की मुश्किलें और बढ़ेंगी।