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केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस

ByNI Political,
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केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस
आम आदमी पार्टी के नेताओं के सुर बदल गए हैं। पंजाब में आप की भारी भरकम जीत के बाद पार्टी के नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि ‘केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस’ को जनता ने चुना है और पूरे देश में यह शासन का मॉडल पहुंच गया। ध्यान रहे इससे पहले प्रचार में दिल्ली मॉडल की चर्चा होती थी। उससे पहले जब नरेंद्र मोदी गुजरात से चल कर देश का चुनाव लड़ने उतरे थे तब उन्होंने गुजरात मॉडल को पूरे देश में दिखाया था। तब भाजपा की ओर से मोदी मॉडल ऑफ गवर्नेंस नहीं कहा गया था। जिस तरह गुजरात मॉडल की चर्चा हुई, उसी तरह दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही थी। Kejriwal model of governance Read also भाजपा की प्रचंड विजय का अर्थ लेकिन चुनाव नतीजों के बाद आप नेताओं ने इसे केजरीवाल मॉडल कहना शुरू कर दिया है। शुरुआती रूझानों के तुरंत बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह ‘केजरीवाल मॉडल पर गवर्नेंस’ की जीत है। इसके थोड़ी देर बाद पंजाब के प्रभारी राघव चड्ढा ने यहीं लाइन दोहराई। सो, अब दिल्ली मॉडल का नाम केजरीवाल मॉडल है, जिसे आम आदमी पार्टी इस साल के अंत में होने वाले दो राज्यों- गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भुनाएगी। बच्चों की पढ़ाई, महिलाओं की कमाई, गरीब को राशन और सबकी सेहत का ख्याल यह इस मॉडल की खूबी बताई जा रही है। जिस तरह से बिहार में नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास की बात कही थी, भले विकास हुआ नहीं, उसी तरह केजरीवाल मॉडल के तहत न्याय के साथ विकास की बात हो रही है।
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