राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

बाहर से आए नेता कब तक वेटिंग में रहेंगे?

भारतीय जनता पार्टी में अलग अलग पार्टियों से आए नेताओं की भरमार है। कई नेताओं को पाला बदल कर भाजपा में जाने के थोड़े दिन के बाद ही बड़ा इनाम मिल गया। हिमंता बिस्वा सरमा और मानिक साहा तो मुख्यमंत्री ही बन गए। लेकिन कई नेताओं का इंतजार काफी लंबा हो गया है। कुछ नेता तो इंतजार करके वापस लौट भी गए, जैसे मुकुल रॉय। लेकिन कई नेता अभी धीरज के साथ प्रतीक्षा कर रहे हैं और कुछ नेता भाजपा में एंट्री के लिए दरवाजे पर खड़े हैं लेकिन पार्टी सही समय का इंतजार कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मिसाल हैं। केंद्र में मंत्री बनने के लिए उन्होंने अपने नेता नीतीश कुमार से पंगा ले लिया। नतीजा यह हुआ कि भाजपा के तमाम सद्भाव के बावजूद उनको न राज्यसभा मिली और न मंत्री रह पाए। अब भाजपा में शामिल होने का इंतजार है। देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा में शामिल होते हैं या वापस लौटने का जुगाड़ लगाते हैं।

कुछ दिन पहले कांग्रेस के बड़े नेता और झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह जब पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे तब उनके बारे में बहुत सी बातें कही जाती थीं। उनके बारे में कहा जा रहा था कि उनको झारखंड सरकार गिराने की जिम्मेदारी दी गई है। उनको राज्यसभा देने की भी चर्चा थी। लेकिन अभी तक कुछ मिला नहीं है। बीजू जनता दल छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए बैजयंत जय पांडा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जरूर बना दिया गया है लेकिन बतौर सांसद राजनीति शुरू करने वाला पांडा को राज्यसभा मिलने और केंद्र में मंत्री बनने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी उम्मीद पूरी नहीं हुई है। आंध्र प्रदेश के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री रहे दिवंगत एनटी रामाराव की बेटी और कांग्रेस सरकार में मंत्री डी पुरंदेश्वरी भी भाजपा महासचिव बन गई हैं लेकिन उनका भी सांसद बनने का इंतजार बहुत लंबा हो गया है। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर चुके हैं और कुछ कृपा प्रसाद के इंतजार में हैं।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *