भारतीय जनता पार्टी के पांच सांसदों ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें से तीन हार गए थे। जीते हुए दो सांसदों ने भी विधानसभा सदस्यता की शपथ नहीं ली है। भाजपा के बाकी विधायक शपथ ले चुके हैं। लेकिन कूचबिहार से जीते निशिथ प्रमाणिक और नादिया की रानाघाट सीट के सांसद जगन्नाथ सरकार ने शपथ नहीं ली। तभी इन दोनों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इन दोनों को जल्दी फैसला करना होगा। नियमों के मुताबिक किसी नेता के दोनों सदनों का सदस्य चुने जाने के बाद 14 दिन के अंदर किसी एक सदन से इस्तीफा देना होता है।
भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि दोनों को लोकसभा सीट से इस्तीफा दिलाना सही रणनीति नहीं होगी क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा में दो विधायक ज्यादा होने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। अगर इन दोनों की विधानसभा सीट भाजपा हार भी जाती है तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर इन दोनों की खाली की हुई लोकसभा सीट पर उपचुनाव होता है और तृणमूल कांग्रेस जीत जाती है तो वह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। लोकसभा में तृणमूल की ताकत बढ़ेगी और उससे विपक्ष की 2024 की तैयारियों को गति मिलेगी। अभी जिस तरह का बहुमत राज्य में ममता बनर्जी को मिला है उसे देखते हुए भाजपा शायद ही कोई जोखिम लेना चाहेगी।
क्या विधायकी छोड़ेंगे प्रमाणिक और सरकार!
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