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मप्र में 230 में से दो सौ सीट जीतने का टारगेट

भाजपा हर चुनाव में बड़ा लक्ष्य तय करती है। जैसे अभी मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने 230 में से दो सौ सीट जीतने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किल यह है कि कई राज्यों में वह सारी सीट जीती हुई है। इसलिए उससे बड़ा लक्ष्य तय नहीं किया जा सकता है। सो, अब दूसरी तरह का लक्ष्य तय किया जा रहा है। मिसाल के तौर पर गुजरात में भाजपा ने प्रदेश की सभी 26 लोकसभा सीटें जीती हैं। सो, वहां के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अलग तरह का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी सभी सीटों पर पांच लाख से ज्यादा के अंतर से जीतने का प्रयास करेगी।

राज्य की सभी 26 सीटें पांच लाख से ज्यादा वोट के अंतर से जीतने के प्रयास का मतलब है कि भाजपा अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी पार्टी से कम से कम एक करोड़ 30 लाख वोट ज्यादा हासिल करे। पहली और दूसरी पार्टी के बीच एक करोड़ 30 लाख वोट का अंतर हो। भाजपा के नेता मान रहे हैं कि यह कोई बड़ा लक्ष्य नहीं है। पिछले यानी 2019 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट का अंतर 85 लाख का था। यानी भाजपा ने हर सीट औसतन करीब साढ़े तीन लाख वोट के अंतर से जीती थी। इस बार पांच लाख वोट का अंतर करना है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 53 फीसदी वोट मिले हैं और 182 में से 156 सीटों पर वह जीती है। इसलिए भी पार्टी के नेता भरोसे में हैं कि वे नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के नाम पर एक करोड़ 30 लाख वोट का अंतर हासिल करने में कामयाब होंगे।

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