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बिना मंत्री बने प्रचार करेंगे सिंधिया!

ByNI Political,
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बिना मंत्री बने प्रचार करेंगे सिंधिया!
कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनको लग रहा है कि मध्य प्रदेश में 27 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले सिंधिया को केंद्र में मंत्री बना दिया जाएगा। उनके समर्थकों का कहना है कि इसका वादा किया गया था और तभी उन्होंने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ कर कमलनाथ की सरकार गिराई थी। लेकिन कम से कम अभी ऐसा लग नहीं रहा है कि केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है। इसकी वजह ये है कि अभी श्राद्ध का महीना चल रहा है और इस समय कोई भी शुभ काम नहीं होता है। 17 सितंबर को श्राद्ध खत्म होंगे तब तक संसद का सत्र शुरू हो जाएगा। सत्र के दौरान कैबिनेट विस्तार की परंपरा नहीं रही है और जब तक सत्र खत्म होगा तब तक उपचुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी होगी। सो, यह तय माना जा रहा है कि सिंधिया बिना मंत्री बने ही मध्य प्रदेश के उपचुनाव में प्रचार करेंगे। यह उनके समर्थकों के लिए बड़ा झटका है। असल में मध्य प्रदेश की 27 सीटों के उपचुनाव में जितनी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी दांव पर लगी है उससे ज्यादा सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर है। उनके साथ कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा देकर आए हैं और 14 लोग राज्य में मंत्री बने हैं, जो विधायक नहीं हैं। उपचुनाव में इन सबकी उम्मीदें सिंधिया के प्रचार पर टिकी हैं। सबको लग रहा था कि केंद्रीय मंत्री के रूप में वे प्रचार करेंगे तो फायदा होगा पर वैसा होता नहीं दिख रहा है। दूसरे, जमीनी स्तर पर भाजपा के नेताओं में बड़ी नाराजगी है। पिछली बार इन सीटों पर भाजपा के जो नेता लड़े थे वे खुल कर या अंदरखाने जैसे भी होगा, विरोध करेंगे और कांग्रेस से आए नेताओं को हरवाने का प्रयास करेंगे। मध्य प्रदेश में चुनाव भले 27 सीटों के हो रहे हैं पर शिवराज सिंह चौहान को अपनी सरकार स्थिर करने के लिए नौ-दस सीटों की ही जरूरत है। इसलिए उपचुनाव दिलचस्प होने वाले हैं।
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