महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट विधानसभा चुनाव में नामांकन से लेकर नतीजे तक कई बहुत दिलचस्प चीजें हुईं। चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा ने इस सीट के लिए उम्मीदवार की तलाश शुरू की थी और शिव सेना के दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके से संपर्क किया गया था। लेकिन उन्होंने भाजपा की टिकट से लड़ने से मना कर दिया। उनको शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट ने उम्मीदवार बनाया तो उनको लड़ने से रोकने के लिए बीएमसी की कर्मचारी के तौर पर उनके इस्तीफे को रोक दिया गया। अंत में हाई कोर्ट के आदेश से उनका इस्तीफा मंजूर हुआ और तब आखिरी दिन उन्होंने नामांकन दाखिल किया।
इसके बाद जब भाजपा के घोषित सहयोगी एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे की ओर से भाजपा उम्मीदवार हटा लेने की मांग शुरू हुई और भाजपा ने अपने प्रत्याशी का नामांकन वापस करा दिया। हालांकि छह और उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन भाजपा के हटते ही तय हो गया कि उद्धव ठाकरे गुट की रुतुजा लटके भारी अंतर से जीतेंगी। उद्धव ठाकरे गुट ने दावा किया कि उनको 90 फीसदी से ज्यादा वोट मिलेंगे। उसके बाद ही भाजपा इस दावे को गलत साबित करने में जुट गई। इसके लिए भाजपा ने नोटा यानी इनमें से कोई नहीं को अपना उम्मीदवार बना लिया। खुद उद्धव ठाकरे ने प्रचार के दौरान कहा कि भाजपा पैसे बांट कर लोगों को नोटा पर वोट देने के लिए कह रही है। चुनाव नतीजों से साबित हो गया कि अंधेरी ईस्ट सीट पर नोटा ही भाजपा का उम्मीदवार था। नोटा को करीब 15 फीसदी वोट मिले, बाकी सभी छह उम्मीदवारों को मिला कर सात फीसदी वोट मिले। शिव सेना उम्मीदवार को 77 फीसदी के करीब वोट मिले। अगर नोटा के लिए मेहनत नहीं की गई होती तो शिव सेना का 90 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने का दावा सही साबित होता।