राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

महाराष्ट्र में क्या खिचड़ी पक रही है?

महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के समय से ही कई तरह की राजनीतिक खिचड़ी पक रही है। पहले शिव सेना और भाजपा का तालमेल टूटा और सरकार नहीं बनी। फिर एक दिन मुंह अंधेरे में फड़नवीस और अजित पवार ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। फिर पवार वापस अपनी पार्टी में लौट गए और शिव सेना, एनसीपी, कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनी। फिर शिव सेना में टूट हो गई और एकनाथ शिंदे गुट के समर्थन से भाजपा की सरकार बनने की पहल हुई और अंत में भाजपा के समर्थन से शिंदे मुख्यमंत्री बन गए। सबसे हैरान करने वाली बात यह हुई कि देवेंद्र फड़नवीस उप मुख्यमंत्री बने, जिनके मुख्यमंत्री रहते एकनाथ शिंदे उनकी सरकार में मंत्री थे।

यह सब कुछ विधानसभा के तीन साल के कार्यकाल में ही हो चुका है और अभी दो साल बचे हुए हैं। अगले दो साल में कुछ और कारनामा हो सकता है। अजित पवार एक बार फिर सबकी नजर में हैं। पिछले दिनों उनकी पार्टी के नेता और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख मुंबई की जेल से रिहा हुए तो उनको रिसीव करने के लिए अजित पवार नागपुर से राज्य सरकार के विमान से मुंबई पहुंचे थे। ध्यान रहे उस समय नागपुर में विधानसभा का सत्र चल रहा था और एक कमेटी की बैठक होनी थी, जिसकी वजह से अजित पवार मुंबई नहीं जा सकते थे। उन्होंने कमेटी की बैठक टालने को कहा तो मुख्यमंत्री ने उनके लिए बैठक पहले कर ली और राज्य सरकार का विमान उपलब्ध कराया ताकि वे समय पर मुंबई पहुंच सकें। राज्य सरकार के इस सद्भाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विधानसभा में यह देखा गया है कि अजित पवार का नजरिया सरकार के प्रति बहुत सख्त नहीं है। तभी राज्य में कोई नया खेल होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *