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महाराष्ट्र को लेकर भाजपा की बेचैनी

ByNI Political,
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महाराष्ट्र को लेकर भाजपा की बेचैनी
भारतीय जनता पार्टी, जिन थोड़े से राज्यों में चुनाव हारने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई है उनमें महाराष्ट्र एक और सबसे महत्वपूर्ण है। तभी महाराष्ट्र को लेकर भाजपा में बड़ी बेचैनी है। भाजपा की केंद्र सरकार जिस तरह और उसकी एजेंसियां जिस तरह से महाराष्ट्र और वहां की सत्तारूढ़ पार्टियों के पीछे पड़ी हैं, उससे बेचैनी साफ जाहिर हो रही है। महाराष्ट्र की पहचान फिल्म उद्योग से है। सो, पिछले एक साल से फिल्म जगत को बदनाम करने का अभियान चल रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी को फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों के पीछे लगा दिया गया है ताकि गांजा, चरस की पुड़िया पकड़ कर उनको परेशान किया जाए। इस क्रम में पुलिस, प्रशासन और राजनीति सबको बदनाम किया जा रहा है।

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महाराष्ट्र की आज देश में क्या तस्वीर है कि एक पुलिस अधिकारी देश के सबसे बड़े उद्योगपति को ब्लैकमेल करने के लिए उसके घर के पास गाड़ी लगवा कर उसमें विस्फोटक रखवाता है, एक पुलिस अधिकारी आरोप लगाता है कि राज्य के गृह मंत्री ने सौ करोड़ रुपए की हर महीने उगाही करने को कहा है, एक अधिकारी पर अब आरोप लगा है कि वह फिल्म उद्योग सहित दूसरे वर्ग के लोगों को ड्रग्स के फर्जी केस में फंसाता है और उनसे वसूली करता है, मुंबई जैसे शहर का पुलिस कमिश्नर रहा अधिकारी राज्य के गृह मंत्री पर आरोप लगाता है और उसके बाद लापता हो जाता है। इस बीच केंद्रीय एजेंसियां सरकार चला रही शिव सेना और एनसीपी के नेताओं के खिलाफ धड़ाधड़ छापे मार रही हैं। शिव सेना के आधा दर्जन से ज्यादा सांसद, विधायक और पूर्व सांसद व विधायकों पर छापा पड़ चुका है। एनसीपी के नेता और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के परिवार के ऊपर भी हाल में ही छापा पड़ा है। दूसरी ओर भाजपा के नेता मजे में हैं। वे खुलेआम कह रहे हैं कि भाजपा में हैं इसलिए कोई छापा नहीं पड़ेगा।
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