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महाराष्ट्र भाजपा की चिंता बढ़ी

महाराष्ट्र में विधान परिषद की शिक्षक व स्नातक क्षेत्रों में भाजपा की करारी हार हुई है। उसे सिर्फ कोंकण क्षेत्र की एक सीट पर जीत मिली है। इसके अलावा पार्टी के नेता नासिक से जीते निर्दलीय उम्मीदवार सत्यजीत तांबे से उम्मीद लगाए हुए है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। भाजपा ने परोक्ष रूप से तांबे की मदद की थी। हालांकि वे कांग्रेस में थे और कांग्रेस ने उनके पिता सुधीर तांबे को टिकट दिया था। पर उन्होंने नामांकन नहीं दाखिल किया और उनकी जगह उनके बेटे सत्यजीत तांबे ने परचा दाखिल कर दिया। बाद में कांग्रेस ने वहां भाजपा की नेता शुभांगी पाटिल को समर्थन दिया था। हालांकि सत्यजीत तांबे क्या करेंगे यह किसी को अंदाजा नहीं है। अगर उनकी सीट छोड़ दें तो महाविकास अघाड़ी को तीन और भाजपा को सिर्फ एक सीट मिली है।

कोंकण में भाजपा के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर म्हात्रे चुनाव जीते है। भाजपा को सबसे बड़ा झटका नागपुर में लगा है। संघ के मुख्यालय और नितिन गडकरी व देवेंद्र फड़नवीस का गृह क्षेत्र होने के बावजूद वहां भाजपा के सीटिंग एमएलसी नागो गनार चुनाव हार गए हैं। महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार सुधाकर अदबाले ने उनको बड़े अंतर से हराया। अमरावती सीट पर अघाड़ी के उम्मीदवार धीरज लिंगाडे और औरंगाबाद में विक्रम काले चुनाव जीत गए हैं। इस तरह नागपुर, अमरावती और औरंगाबाद में अघाड़ी और कोंकण में भाजपा जीती है। नासिक में निर्दलीय सत्यजीत तांबे जीते हैं। महाराष्ट्र में पिछले साल सत्ता बदल के बाद यह पहला बड़ा मौका था, जिसमें भाजपा को झटका लगा है। भाजपा नेता शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट के साथ तालमेल पर और शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं।

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