महाराष्ट्र चार-पांच उन राज्यों में है, जिन्हें लेकर भाजपा में सबसे ज्यादा चिंता है। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन बहुत मजबूत है और उसके मुकाबले भाजपा अपने गठबंधन को लेकर बहुत भरोसे में नहीं है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि विपक्षी गठबंधन यानी महा विकास अघाड़ी की तीनों पार्टियों में बेहतर तालमेल नहीं बन पा रहा है। अघाड़ी ने अपनी ताकत दिखाने के लिए रविवार को संभाजीनगर में बड़ी रैली की योजना बनाई तो कांग्रेस पार्टी उस रैली में शामिल नहीं हुई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को रैली में हिस्सा लेना था। पहले भी नाना पटोले शिव सेना को लेकर बयान दे चुके हैं। वे बार बार कहते हैं कि शिव सेना कांग्रेस की वैचारिक सहयोगी नहीं है, जबकि उनको पता है कि महाराष्ट्र में इस समय ऐसी किसी सफाई की जरूरत नहीं है। बहरहाल, उनको हटाए जाने की चर्चा है।
एनसीपी के नेता अजित पवार अघाड़ी की रैली में शामिल हुए लेकिन उनके इस बात पर आपत्ति थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है। शिव सेना नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रैली में प्रधानमंत्री की पढ़ाई लिखाई का मुद्दा उठाया और कहा कि वे देश को अपनी डिग्री क्यों नहीं दिखा रहे हैं। उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी डिग्री का मुद्दा उठाया। अरविंद केजरीवाल ने जब से यह मुद्दा उठाया है तब से कई विपक्षी नेता इस पर सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन अजित पवार ने कह दिया कि यह कोई मुद्दा नहीं है। मुद्दा न भी हो तब भी इतनी बड़ी रैली के दिन सार्वजनिक रूप से उद्धव के उठाए मुद्दे को खारिज करना राजनीतिक रूप से ठीक नहीं था। शिव सेना के नेताओं को यह नागवार गुजरा है।