
मुंबई में बृहन्नमुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी के चुनावों से पहले शिव सेना ने एक बार फिर मराठी मानुष का दांव चला है। राज्य सरकार ने नियम बना दिया है कि हर दुकान पर साइन बोर्ड मराठी में लिखा जाएगा। यह कानून पहले से है लेकिन 10 कर्मचारियों से कम वाले प्रतिष्ठानों पर यह नहीं लागू होता था। इसलिए छोटी दुकान वाले साइन बोर्ड अंग्रेजी में लगाते थे। लेकिन अब हर दुकान के लिए अनिवार्य कर दिया गया है कि मराठी भाषा में ही साइन बोर्ड लगाएं। मराठी भाषा के मंत्री सुभाष देसाई ने इस कानून की घोषणा करते हुए कहा कि पहले लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते थे। अब उनको गंभीरता से लेना होगा। marathi manushs shiv sena
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यह फैसला सीधे तौर पर बीएमसी के चुनावों से जुड़ा है। गौरतलब है कि इस बार अरसे बाद शिव सेना और भारतीय जनता पार्टी बीएमसी का चुनाव प्रतिद्वंद्वी के तौर पर लड़ेंगे। शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस साथ हैं लेकिन लग नहीं रहा है कि कांग्रेस साथ में चुनाव लड़ेगी। जहां तक एनसीपी की बात है तो मुंबई महानगर में उसका ज्यादा असर नहीं है। ऐसे में सीधा मुकाबला शिव सेना और भाजपा का होना है। तभी शिव सेना को लग रहा है कि हिंदुत्ववादी मतदाताओं का रूझान भाजपा की होगा। सो, उसने मराठी मानुष को पूरी तरह से अपने साथ जोड़ने के लिए यह दांव चला है। प्रवासी और मुस्लिम वोट के सहारे कांग्रेस लड़ेगी। कांग्रेस और शिव सेना में अंदरखाने एडजस्टमेंट हो सकती है।