महाराष्ट्री की महाविकास अघाड़ी सरकार में खींचतान चलती रहती है। वहां सरकार में तीन पार्टियां शामिल हैं और उनके समीकरण बदलते रहते हैं। कभी लगता है कि एनसीपी और शिव सेना एक साथ हैं, कभी लगता है कि शिव सेना और कांग्रेस एक साथ हैं तो कभी लगता है कि कांग्रेस और एनसीपी एक साथ हैं। जैसे इन दिनों एनसीपी के नेता और राज्य सरकार के मंत्री नवाब मलिक के एक बयान को लेकर कांग्रेस और शिव सेना दोनों के नेता नाराज हो गए हैं। इससे पहले अनिल देशमुख के मामले में कांग्रेस और एनसीपी एक साथ आ गए थे और शिव सेना दोनों से नाराज थी।
बहरहाल, पिछले दिनों नवाब मलिक ने बयान दिया कि राज्य सरकार अपने सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में कैबिनेट में चर्चा हो गई है। नवाब मलिक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं और सरकार के प्रवक्ता नहीं हैं। तभी शिव सेना के नेता इस बात से नाराज हुए कि उन्होंने किस हैसियत से कैबिनेट की बैठक की बात मीडिया को बताई और वैक्सीन मुफ्त में लगाने की बात का खुलासा किया?
शिव सेना के नेता चाहते थे कि 18 साल से ऊपर की उम्र के हर नागरिक को मुफ्त वैक्सीन लगाने की बात का ऐलान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करें। लेकिन उससे पहले ही एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने इसकी घोषणा कर दी। इससे कांग्रेस के नेता भी नाराज हुए हैं। उन्होंने कहा है कि समय से पहले ही बयान दिला कर एनसीपी ने मुफ्त वैक्सीनेशन प्रोग्राम का श्रेय लेने का प्रयास किया है। कांग्रेस का भी कहना है कि इसकी घोषणा मुख्यमंत्री को करनी चाहिए थी ताकि महाविकास अघाड़ी सरकार को श्रेय मिले।
एनसीपी से कांग्रेस और शिव सेना दोनों नाराज
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