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पवार और कांग्रेस भी चिंतित हैं

भाजपा और उद्धव ठाकरे की पार्टी के बीच संपर्क होने और बातचीत की खबरों का शरद पवार और कांग्रेस पार्टी दोनों के पता है। बताया जा रहा है कि एनसीपी और कांग्रेस दोनों हाल के दिन में शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट की राजनीति से परेशान हैं। एक तरफ उद्धव की पार्टी के भाजपा के संपर्क में होने की खबर है तो दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ तालमेल कर लिया है। यह एकतरफा फैसला था और कांग्रेस व एनसीपी दोनों इससे खुश नहीं हैं। इसका कारण यह है कि बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर के पोते की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी का वोट आधार वही है, जो एनसीपी और कांग्रेस का है। तभी ऐसा माना जा रहा है कि उनसे तालमेल करके उद्धव ने अपनी दोनों सहयोगियों को अपनी स्वतंत्र राजनीति करने का मैसेज दिया है।

इस बीच एनसीपी के नेता अजित पवार ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि शिव सेना  में बगावत होने की खबर उनकी पार्टी ने उद्धव ठाकरे को पहले ही दी थी लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। यह बयान एक तरह से शिव सेना में टूट के लिए उद्धव की कमजोरी को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास है। शिव सेना ने इसे अच्छा नहीं माना है। दूसरी ओर पुणे की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर कम से कम एक सीट पर शिव सेना और एनसीपी के बीच जैसी खींचतान हुई है वह भी तनाव बढ़ने का संकेत है। असल में एनसीपी और कांग्रेस दोनों को यह चिंता सता रही है अगर भाजपा और उद्धव की बात बन जाती है तो पिछले तीन साल की सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। फिर कांग्रेस और एनसीपी के लिए पुनर्मूषिको भव वाली स्थिति हो जाएगी। इसलिए दोनों पार्टियों में संभावित खतरे से निपटने के उपाय शुरू हो गए हैं।

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