Maharashtra politics shiv sena महाराष्ट्र में कमाल की राजनीति हो रही है। सत्तारूढ़ गठबंधन की तीन में से कोई पार्टी किसी से लड़ती है तो बाकी दो पार्टियां साथ आ जाती हैं और फिर दूसरे से झगड़ा होता है तो फिर दो पार्टियां साथ आ जाती हैं। कभी कांग्रेस और शिव सेना का झगड़ा होता है तो कभी शिव सेना और एनसीपी का। अभी शिव सेना और एनसीपी के बीच मोर्चा खोला है। पुणे में एक जिला पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर दोनों पार्टियां लड़ रही हैं और झगड़ा इतना बढ़ गया कि शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कह दिया कि एनसीपी के नेता शिव सेना के कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय एनसीपी के पास है और इसलिए वह पुलिस का दुरुपयोग करके शिव सेना के कार्यकर्ताओं को पकड़वा रही है। यह गंभीर आरोप है।
Read also वरुण के बागी तेवर का मतलब
इस बीच शिव सेना ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की तुलना तालिबान से किए जाने के मसले पर संघ का बचाव किया है। शिव सेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि आरएसएस की तुलना तालिबान से करना उसे मंजूर नहीं है। गौरतलब है कि मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने आरएसएस की तुलना तालिबान से की है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने जावेद अख्तर के खिलाफ मोर्चा खोला है और ऐलान किया है कि जब तक वे हाथ जोड़ कर माफी नहीं मांगेंगे तब तक भाजपा उनकी लिखी कोई भी फिल्म रिलीज नहीं होने देगी। इस विवाद के बीच शिव सेना ने खुल कर आरएसएस का समर्थन किया है। इसके बाद फिर से अटकलों का दौर शुरू हो गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने गए थे, जिसके बाद विधान परिषद के मनोनयन का मामला सुलझ जाने की संभावना बनी है। Maharashtra politics shiv sena