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महाराष्ट्र में धमाके का समय आ रहा है!

ByNI Political,
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एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने 18 अप्रैल को कहा था कि अगले 15 दिन में दो राजनीतिक धमाके होने वाले हैं- एक दिल्ली में और दूसरा महाराष्ट्र में। उनके दिए 15 दिन की डेडलाइन में आठ दिन बीत गए हैं। इसका मतलब है कि अगले सात दिन में धमाका होने वाला है। उन्होंने जिसका इशारा किया है उसका कुछ कुछ अंदाज सबको है। दिल्ली में धमाके से उनका मतलब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित उनकी पार्टी के 16 विधायकों की सदस्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।

अगर दिल्ली में धमाका होता है यानी सुप्रीम कोर्ट शिंदे और उनके 15 साथियों की सदस्यता समाप्त कर देता है तो महाराष्ट्र में धमाका होगा। लेकिन इसका अंदाजा किसी को नहीं है कि महाराष्ट्र में क्या धमाका होगा? क्या महाराष्ट्र में पहली बार एनसीपी का मुख्यमंत्री बनेगा? शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर 1998 में एनसीपी की गठन किया था और अगले साल के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 58 सीट मिली थी। तब कांग्रेस 75 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और कांग्रेस व एनसीपी ने मिल कर सरकार बनाई थी। इसके अगले चुनाव में एनसीपी 71 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी और कांग्रेस 69 सीट के साथ दूसरे नंबर की पार्टी हो गई।

अजित पवार का कहना है कि 2004 में एनसीपी का मुख्यमंत्री बन सकता था लेकिन किसी कारण से ऐसा नहीं हो सका। कारण यह था कि उस समय शरद पवार केंद्र की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे और उनकी बेटी सुप्रिया सुले का राजनीतिक करियर शुरू नहीं हुआ था। अगर उस समय पवार अड़ते और कांग्रेस राजी हो जाती तो उनको छगन भुजबल, आरआर पाटिल या अजित पवार को मुख्यमंत्री बनवाना होता। सो, शरद पवार ने कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनने दिया। अब अजित पवार चाहते हैं कि 2004 वाला मौका फिर आ रहा है। वे चाहते हैं कि भाजपा से बात हो और एनसीपी का मुख्यमंत्री बने। लेकिन शरद पवार के सामने फिर वहीं दुविधा है, जो 2004 में थी। उनको अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाना होगा। अगर वे सीएम बने तो पार्टी पर उनकी पकड़ मजबूत होगी और पवार के बाद सुप्रिया सुले की राह मुश्किल हो जाएगी। तभी इस धमाके की गुंजाइश थोड़ी कम दिख रही है।

सो, सवाल है कि इसके अलावा क्या धमाका हो सकता है? क्या अजित पवार एनसीपी को तोड़ देंगे? शरद पवार के रहते यह संभव नहीं लगता है। इसके अलावा जो भी संभावना दिख रही है धमाके वाली नहीं है। शिंदे की सदस्यता जाने के बाद भी सरकार बहुमत में रहेगी और कोई दूसरा मुख्यमंत्री बन सकता है। शिंदे इस बात के लिए राजी हो सकते हैं कि भाजपा का मुख्यमंत्री बन जाए। ऐसा होता है तो यह भी धमाके वाली बात नहीं होगी। सो, सस्पेंस बढ़ रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि धमाका होगा तो एनसीपी की ओर से ही होगा।

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