महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव नतीजों के बाद उथल-पुथल मची है। राज्य में शिव सेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी की सरकार है लेकिन शिव सेना सीटों की संख्या के लिहाज से चौथे स्थान पर रही है। भारतीय जनता पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है और पिछले दो साल से सत्ता से बाहर है लेकिन वह सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। विधायकों की संख्या के लिहाज से एनसीपी तीसरे नंबर की पार्टी है लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। सरकार में शामिल होने के बाद भी कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। उसके पहले 426 सदस्य थे, जो इस बार तीन सौ रह गए हैं। सो, इन चुनाव नतीजों के बाद राज्य में समीकरण बदलेगा और बृहन्नमुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी और पुणे, ठाणे जैसे निगमों के चुनाव में नए समीकरण बनेंगे।
शिव सेना के लिए सबसे अहम बीएमसी का चुनाव है, जहां उसका पिछले 25 साल से कब्जा है। अर्ध शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव में शिव सेना के खात में 14 नगर पंचायत आई है। एनसीपी का 25 और कांग्रेस का 18 नगर पंचायतों पर कब्जा हुआ है। इस लिहाज से बीएमसी और दूसरे चुनावों में सहयोगी पार्टियां दबाव बनाएंगी। इन चुनावों में महा विकास अघाड़ी की तीनों पार्टियां ज्यादातर जगहों पर अलग अलग लड़ी थीं। इन तीनों को मिला कर एक हजार के करीब सीटें आई हैं, जबकि भाजपा को 416 सीट मिली है। जाहिर है अगर तीनों पार्टियां साथ लड़ेंगी तो भाजपा को मुश्किल होगी। तभी मुंबई, पुणे, ठाणे आदि के चुनाव में तीनों पार्टियों पर गठबंधन का दबाव बन रहा है।
निकाय चुनावों के बाद बदलेगा समीकरण
और पढ़ें
-
छह सौ वकीलों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी
नई दिल्ली। देश की शीर्ष न्यायपालिका में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। देश के कुछ जाने माने वकीलों के...
-
चिट्ठी के बहाने कांग्रेस पर मोदी का हमला
नई दिल्ली। देश के कुछ जाने माने वकीलों के साथ छह सौ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई...
-
भर्तृहरि महताब भाजपा में शामिल
भुवनेश्वर। लोकसभा चुनाव से पहले ओडिशा में बीजू जनता दल को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और...
-
अभिनेता गोविंदा शिंदे गुट की शिव सेना में शामिल
मुंबई। हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता और कांग्रेस के सांसद रहे गोविंदा एक बार फिर राजनीति में उतर गए...