शिव सेना के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपने राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत को कैसे चुप कराएं। वे हर बात पर बोलते हैं। भाजपा और शिव सेना के टकराव के समय जब वे बयान देते थे तो शिव सैनिक खुश होते थे क्योंकि उनको लग रहा था कि राउत भाजपा को निशाना बना रहे हैं, जिससे पार्टी को फायदा हो रहा है। पर अब उनके बयानों से शिव सेना को नुकसान हो रहा है और कांग्रेस व एनसीपी के साथ किया गया गठबंधन खतरे में आ रहा है। तभी कहा जा रहा है कि पार्टी नेता उनको चुप कराने का रास्ता खोज रहे हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे दिल्ली आए थे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी तब दोनों की बातचीत में राउत का मामला उठा था। जानकार सूत्रों के मुताबिक राहुल और कांग्रेस के दूसरे नेता भी चाहते हैं कि राउत चुप रहें। पर वे लगातार सावरकर के मसले पर और हिंदुत्व के मसले पर बोल रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक के साथ सीमा विवाद के मसले पर नया मोर्चा खोला है। वे इसे भारत और पाकिस्तान का मसला बना रहे हैं। असल में उनके भाई को मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद से वे ज्यादा मुखर हो गए हैं। तभी कहा जा रहा है कि उनको कोई पद देने की तैयारी है। उनके लिए कोई महत्वपूर्ण राजनीतिक पद बनाया जा सकता है।