रियल पालिटिक्स

उद्धव सरकार का नया सिरदर्द

ByNI Political,
Share
उद्धव सरकार का नया सिरदर्द
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की मुश्किलें खत्म होने की बजाय बढ़ती जा रही है। जो लोग सरकार के कार्यकाल पूरा करने का दावा कर रहे थे उनको भी अब इसके भविष्य की चिंता होने लगी है। असल में पहले कहा जा रहा था कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार इस गठबंधन की धुरी हैं और वे जब तक चाहेंगे तब तक गठबंधन चलता रहेगा। पर यह बात मिथक साबित हो रही है क्योंकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने मन से काम कर रहे हैं और वे पवार की नाराजगी की भी चिंता नहीं करते हैं। कम से कम दो बातों में ऐसा दिखा है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर और भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने के मामले में दोनों का टकराव बढ़ा है। उद्धव ठाकरे ने भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच एनआईए को सौंपे जाने की सहमति दी है, जबकि शरद पवार अब भी इस बात पर अड़े हैं कि महाराष्ट्र पुलिस की एसआईटी ही मामले की जांच करे। इसी तरह कांग्रेस और एनसीपी दोनों चाहते हैं कि या तो राज्य सरकार एनपीआर को पूरी तरह से खारिज कर दे, जैसा कि दूसर कांग्रेस शासित राज्य कर रहे हैं या तीनों पार्टियां मिल कर एनपीआर के फॉर्म के साथ पूछे जाने वाले सवालों पर विचार करें और कुछ सवाल हटाएं। पहले तो उद्धव ने एनपीआर को खारिज नहीं किया और अब कह रहे हैं कि वे खुद इसमें पूछे जाने वाले सवालों पर विचार करेंगे। इन दोनों मसलों पर आने वाले दिनों में तीनों पार्टियों के बीच टकराव और बढ़ सकता है। जानकारों का कहना है कि अगर इसी तरह का रवैया तीनों पार्टियों का रहा तो बात और बिगड़ेगी।
Published

और पढ़ें