मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष बने छह महीने से ज्यादा हो गए। 26 अक्टूबर 2022 को उनको बड़े धूम-धाम से अध्यक्ष पद पर आसीन कराया गया था। राहुल गांधी इसके लिए अपनी भारत जोड़ो यात्रा छोड़ कर दिल्ली में थे। उनके अध्यक्ष बनते ही पार्टी के सभी पदाधिकारियों ने उनको इस्तीफा सौंप दिया था और कांग्रेस कार्य समिति भंग कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने 47 सदस्यों की एक भारी भरकम स्टीयरिंग कमेटी बनाई थी, जिसमें सभी पदाधिकारियों और कार्य समिति के सदस्यों को रखा गया था। उसके बाद से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे कब तक अपना संगठन बना लेंगे। इसकी कई डेडलाइन पार कर चुकी है और अब एक नई डेडलाइन बताई जा रही है।
खड़गे के अध्यक्ष बनते ही जो सबसे पहली डेडलाइन दी गई थी वह ये थी कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद खड़गे अपना संगठन बनाएंगे। चुनाव की प्रक्रिया अक्टूबर के पहले हफ्ते में समाप्त हो गई। आठ दिसंबर 2022 को दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे आ गए और उसके बाद खड़गे की टीम बनने की डेडलाइन आगे बढ़ गई। कहा गया कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की समाप्ति के बाद टीम बनेगी। वह यात्रा भी 30 जनवरी को समाप्त हो गई। इसके बाद कहा गया कि कांग्रेस का महाधिवेशन पहले होगा और उसमें देश भर के कांग्रेस प्रतिनिधि खड़गे के नाम पर मुहर लगाएंगे उसके बाद उनकी टीम बनेगी। बजट सत्र का पहला चरण समाप्त होने के बाद 24 से 26 फरवरी के बीच छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस का अधिवेशन हो गया और खड़गे के नाम पर मुहर लग हई।
इसके बाद भी टीम नहीं बनी और एक नई डेडलाइन आ गई। कहा गया कि अप्रैल में बजट सत्र समाप्त होगा और मई में कर्नाटक का चुनाव है इसलिए उसके बाद संगठन का विस्तार होगा। मई में कर्नाटक का चुनाव हुआ और 13 मई को आए नतीजे में कांग्रेस को भारी भरकम जीत मिल गई। उसके बाद पार्टी अगले दो हफ्ते मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल तय करने में बिजी रही। खड़गे की टीम का गठन नहीं हुआ। उनके अध्यक्ष बनने के सात महीने बाद अब एक नई डेडलाइन दी गई है।
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के अमेरिका से लौटने के बाद खड़गे की टीम का गठन होगा। राहुल 30 मई को अमेरिका गए हैं और वहां उनका औपचारिक कार्यक्रम एक हफ्ते का है लेकिन वे उसके बाद भी दो हफ्ते के करीब रूकेंगे। बताया जा रहा है कि वे जून के तीसरे हफ्ते में वापस लौटेंगे। सवाल है कि जब कांग्रेस के नेता बार बार कह रहे हैं कि खड़गे को अपनी टीम खुद बनानी है और राहुल उसमें कोई दखल नहीं दे रहे हैं तो फिर राहुल के नाम से नई डेडलाइन देने का क्या मतलब है? देश की सबसे बड़ी पार्टी सात महीने से तदर्थ व्यवस्था के तहत चल रही है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।