एक तरफ केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से हर दिन यह बताया जा रहा है कि देश में कोरोना वायरस के संकट की गंभीरता कम हो रही है और ज्यादा चिंता की बात नहीं है तो दूसरी ओर राज्यों में संकट गहराता जा रहा है। राज्य सरकारें अपने यहां रोज आ रहे नए मामलों से चिंता में हैं और बचाव का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है तो वे लॉकडाउन लगा रही हैं। इस समय करीब एक दर्जन राज्यों में मिनी लॉकडाउन लग रहा है, जिसे मजाक में सोशल मीडिया में लॉकडाउन का छोटा रिचार्ज कहा जा रहा है। पूरे देश में लगे कंपलीट लॉकडाउन की तर्ज पर राज्य अपने यहां किसी खास दिन को या किसी खास शहर में लॉकडाउन लागू कर रहे हैं।
जैसे उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपने यहां वीकएंड का लॉकडाउन लागू किया। शुक्रवार की रात से लेकर सोमवार की सुबह तक लॉकडाउन लागू किया गया क्योंकि सरकार का मानना है कि सप्ताहांत में लोग बड़ी संख्या में घरों से निकलने लगे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इस तरह से मध्य प्रदेश, कर्नाटक सहित कई राज्यों ने अपने यहां रविवार का कर्फ्यू लागू किया थे और अब बेंगलुरू में 14 से 22 जुलाई तक लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। बिहार के तीन शहरों में दस दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है। महाराष्ट्र के कम से कम तीन शहरों में कंपलीट लॉकडाउन है और कई शहरों में अलग अलग किस्म की पाबंदियां हैं। पश्चिम बंगाल ने अपने यहां लॉकडाउन बढ़ा दिया है तो पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- असम, अरुणाचल प्रदेश, और मेघालय में भी लॉकडाउन किया गया है। इससे जाहिर होता है कि केंद्र सरकार भले कुछ भी कहे पर राज्यों में स्थिति ठीक नहीं है और राज्य सरकारें चिंता में हैं।