अकाली दल और भाजपा का तालमेल क्या खत्म होने वाला है? अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने हालांकि इससे इनकार किया है। उन्होंने दिल्ली के चुनाव में भाजपा का समर्थन भी कर दिया है। पर भाजपा को समर्थन करने का फैसला बहुत बाद में और बहुत मान मनौव्वल के बाद आया है। पहले तो अकाली दल ने दिल्ली का चुनाव लड़ने से ही इनकार किया। ध्यान रहे अकाली दल हमेशा भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ती रही है। पर इस बार अकाली नेता चुनाव में शिरकत नहीं कर रहे हैं। तभी इस बात के भी कयास हैं कि पंजाब में भी अकाली दल और भाजपा के रास्ते अलग हो सकते हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र में भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिव सेना के रास्ते अलग हो चुके हैं। शिव सेना ने मुख्यमंत्री के सवाल पर ऐसा विवाद पैदा किया कि दोनों पार्टियां अलग हो गईं। अब शिव सेना प्रदेश में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार चला रही है। शिव सेना की भरपाई करने के लिए राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को भाजपा के साथ जोड़ने की कवायद चल रही है। इसके लिए मनसे ने खुद को तैयार करना भी शुरू कर दिया है। पार्टी ने अपना झंडा बदल दिया है और ज्यादा आक्रामक हिंदुवादी राजनीति करने की तैयारी कर ली है।
मनसे आएगी, अकाली बाहर होंगे
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