प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में क्या इस बार वरुण गांधी को जगह मिलेगी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद में शामिल होने के लिए कई संभावित नामों की चर्चा है। पर खासतौर से वरुण गांधी का जिक्र करने के कई कारण हैं, जिनमें पहला और सबसे अहम कारण प्रियंका गांधी वाड्रा हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका की सक्रियता ने सचमुच भाजपा को परेशान किया है। लोकसभा चुनाव में बहुत खराब प्रदर्शन के बावजूद प्रियंका ने हार नहीं मानी। वे डटी रहीं और उन्होंने कांग्रेस के कमजोर संगठन के बावजूद फोकस अपने ऊपर बना लिया। अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ सात विधायक होने और कमजोर संगठन के बावजूद कांग्रेस ही मुख्य विपक्ष है।
भाजपा के लिए यहीं चिंता की बात है। प्रदेश की दोनों क्षेत्रीय पार्टियों के वोट बैंक को भाजपा जानती है और उसकी सीमा भी जानती है। पर कांग्रेस एक दो जाति की राजनीति करने वाली पार्टी नहीं है। उत्तर प्रदेश में उसका रिवाइवल भाजपा के लिए संकट पैदा करेगा। तभी कहा जा रहा है कि प्रियंका की काट के तौर पर वरुण गांधी को भाजपा में आगे बढ़ाया जा सकता है। वे तीन बार के सांसद हैं और गांधी हैं इसलिए उनका कद बढ़ाते ही अपने आप उनके ऊपर फोकस बनेगा। वे प्रदेश की राजनीति में प्रियंका को जवाब दे सकते हैं। एक कारण यह भी है कि इस बार वरुण की मां मेनका गांधी को मंत्री नहीं बनाया गया है। पिछली सरकार में वे कैबिनेट मंत्री थीं। इसलिए भी मंत्री पद पर उनका दावा बन रहा है। मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद भी मेनका और वरुण ने जैसे पिछले एक साल से चुप्पी साधे रही और मोदी सरकार के कामकाज का समर्थन किया उससे भी लग रहा है कि उनके इस धैर्य का इनाम इस बार मिलेगा।
वरुण गांधी को क्या जगह मिलेगी?
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