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रेल, कृषि, कानून मंत्रालय पर दावेदारी

ByNI Political,
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रेल, कृषि, कानून मंत्रालय पर दावेदारी
अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में फेरबदल या विस्तार करने का ऐलान नहीं किया है लेकिन मंत्रालयों पर दावेदारी शुरू हो गई है। पता नहीं कैसे पर यह धारणा बन गई है कि रेल, कृषि और कानून मंत्रालय में बदलाव होगा। तभी इन तीन मंत्रालयों के दावेदार सबसे ज्यादा दिख रहे हैं। वैसे भी बिहार की सहयोगी जनता दल यू ने पहले से इस मंत्रालय की दावेदारी की हुई है। जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी समय तक रेल मंत्री रहे हैं। बिहार के नेता लालू प्रसाद और रामविलास पासवान भी रेल मंत्री रहे हैं। सो, रेल मंत्रालय पर बिहार के नेता स्वाभाविक रूप से अपनी दावेदारी मानते हैं। इस बीच खबर है कि कांग्रेस से भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रेल मंत्रालय चाहते हैं। उनके पिता दिवंगत माधव राव सिंधिया भी रेल मंत्री रह चुके हैं। हालांकि रेल के अलावा मानव संसाधन और शहरी विकास मंत्रालय भी उनकी पसंद है।

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बहरहाल, रेल के अलावा बिहार की दावेदारी कृषि मंत्रालय पर भी है। ध्यान रहे बिहार के चतुरानन मिश्र, नीतीश कुमार और राधामोहन सिंह कृषि मंत्री रह चुके हैं। कहा जा रहा है कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी अगर केंद्र में मंत्री बनते हैं तो उनको कृषि मंत्रालय मिलेगा। हालांकि वे खुद को वित्त मंत्रालय को योग्य मान रहे हैं क्योंकि वे बिहार में 13 साल वित्त मंत्री रहे हैं। यह खबर है कि रविशंकर प्रसाद से कानून मंत्रालय लिया जा सकता है। उनके पास संचार और सूचना व प्रौद्योगिक मंत्रालय का भी प्रभार है। बहरहाल, उनके कानून मंत्रालय के लिए भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव को दावेदार माना जा रहा है। पता नहीं वे मंत्री बनते हैं या नहीं पर अगर बनेंगे तो उनको कानून मंत्री बनाया जा सकता है। 
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