रियल पालिटिक्स

मोदी केबिनेट बदलाव अब अप्रैल में?

ByNI Political,
Share
मोदी केबिनेट बदलाव अब अप्रैल में?
केंद्र सरकार में मंत्री बनने की आस लगाए नेताओं का इंतजार थोड़ा और लंबा हो गया है। नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली सरकार में छह महीने में ही पहली फेरबदल कर दी थी। इस बार ऐसा लग रहा है कि सरकार की पहली सालगिरह से ठीक पहले वे सरकार में बदलाव करेंगे। वैसे तो उन्होंने अपने सभी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर ली है। फिर भी ऐसा माना जा रहा है कि वे थोड़े दिन और उनका कामकाज देखेंगे। एक साल के कामकाज के आधार पर ही फैसला किया जाना है। पहले कहा जा रहा था कि बजट सत्र से पहले फेरबदल हो जाएगी। इस कयास का आधार यह था कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी में पूरे महीने अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक की और कम से कम पांच लंबी बैठकें कीं, जिनमें मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गई। एक एक बैठक आठ से नौ घंटे तक चली। तभी यह माना जा रहा था कि 21 जनवरी को आखिरी समीक्षा बैठक के बाद किसी भी समय फेरबदल हो सकती है। भाजपा और सहयोगी पार्टियों के कई नेता उम्मीद लगाए बैठे थे। कहा जा रहा है कि उनको अब अप्रैल तक इंतजार करना होगा। संसद के बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी को खत्म होगा। दूसरा चरण मार्च के पहले हफ्ते में शुरू होकर अप्रैल के पहले हफ्ते तक चलेगा। उसके बाद सरकार में पहली फेरबदल होगी। ध्यान रहे मोदी सरकार का एक साल 30 मई को पूरा हो रहा है। उससे पहले संभव है कि एक बार फिर मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा हो। जानकार सूत्रों के मुताबिक कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है और कुछ के विभागों में फेरबदल की जा सकती है। नरेंद्र मोदी की सरकार में फिलहाल 58 मंत्री हैं, जिनमें प्रधानमंत्री सहित 25 कैबिनेट मंत्री हैं, नौ स्वतंत्र प्रभार के मंत्री हैं और 24 राज्यमंत्री हैं। वैसे सरकार में प्रधानमंत्री सहित कुल 81 मंत्री हो सकते हैं। इस तरह अभी 22 मंत्री बनाए जा सकते हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि कम से कम एक दर्जन नए मंत्री जरूर बनाए जाएंगे। ध्यान रहे एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के पास अतिरिक्त मंत्रालयों का प्रभार है। समृति ईरानी, प्रकाश जावडेकर, डॉक्टर हर्षवर्धन, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, नितिन गडकरी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद जोशी आदि के पास कई अतिरिक्त मंत्रालयों का प्रभार है। नए मंत्रियों की नियुक्ति से उनके कामकाज का बोझ हलका होगा।
Published

और पढ़ें