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सरकार डाल-डाल तो विपक्ष पात-पात!

ByNI Political,
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सरकार डाल-डाल तो विपक्ष पात-पात!
Monsoon session of Parliament  संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी हफ्ता चल रहा है और विपक्षी पार्टियों के सांसद अपनी राजनीति को लेकर चिंता में हैं। विपक्ष के कई सांसदों ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में अपनी चिंता जताई। उनका कहना है कि हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही नहीं चल रही है पर इसी में सरकार अपना काम कर ले रही है और विपक्ष के हाथ कुछ नहीं लग रहा है। इसका कारण यह है कि पहले की तरह विपक्षी पार्टियों को संसद की कार्यवाही के दौरान हंगामा करते हुए लाइव टीवी पर नहीं दिखाया जा रहा है। लोकसभा टीवी विपक्षी पार्टियों के हंगामे को कवर ही नहीं कर रहा है। एक सांसद ने तो कहा कि अब उनके क्षेत्र में लोग पूछने लगे हैं कि वे आखिर संसद सत्र में करते क्या हैं? विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने यह चिंता दूसरे हफ्ते में जताई थी और अब एक रिपोर्ट भी आ गई है, जिससे उनकी चिंता की पुष्टि हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे हफ्ते के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित की गई थी। इस दौरान कुल 45 मिनट कार्यवाही चली थी, जिसमें विपक्ष के हंगामे को सिर्फ 72 सेकेंड दिखाया गया यानी डेढ़ मिनट से भी कम। विपक्षी सांसदों का कहना है कि इससे अच्छा था कि कार्यवाही चलती उस समय कम से कम उनको बोलते हुए तो दिखाया जाता था! ध्यान रहे पहले जब विपक्षी सांसद वेल में जाते थे या नारेबाजी करते थे तो संसद के चैनलों पर लाइव दिखाया जाता था और वहां से लेकर दूसरे न्यूज चैनल भी इसे दिखाते थे। वहीं की फुटेज पार्टियां और सांसद अपने सोशल मीडिया में शेयर करते थे। लेकिन अब कोई फुटेज ही नहीं बन रही है। Read also हिमंता को मात दे पाएंगे मकुल और अभिषेक? तभी, विपक्ष के नेताओं ने इस भेदभाव से निकलने का रास्ता निकाल लिया है। उन्होंने संसद के अंदर प्रदर्शन करने की बजाय अब संसद के बाहर प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दिया है। संसद के अंदर सिर्फ संसद का चैनल ही कवरेज कर सकता है लेकिन संसद के परिसर में सभी न्यूज चैनलों के कैमरे और रिपोर्टर होते हैं। इसलिए मॉनसून सत्र के तीसरे हफ्ते में विपक्षी पार्टियों ने दोनों सदनों से निकल कर संसद भवन परिसर में, महात्मा गांधी की मूर्ति के पास या विजय चौक पर प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी के नेता ने यह रणनीति बनाई कि अगर संसद में कवरेज नहीं मिल रही है तो सड़क पर चला जाए। इसी रणनीति के तहत राहुल गांधी ने एक दिन ट्रैक्टर यात्रा की तो एक दिन साइकिल से संसद पहुंचे। उन्होंने संसद भवन में होने वाले विपक्ष के प्रदर्शनों की जगह बदल दी। राहुल ने कांस्टीट्यूशन क्लब में विपक्षी सांसदों के साथ नाश्ता किया, जहां सभी चैनलों ने इसे कवर किया और दिखाया भी। उसके बाद साइकिल से संसद पहुंचे। इसे भी सबने दिखाया और वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई। राहुल ने एक दिन यूथ कांग्रेस के संसद घेराव में हिस्सा लिया और एक दिन जंतर-मंतर पहुंच कर किसान संसद में शामिल हुए। सो, पक्ष और विपक्ष में डाल-डाल, पात-पात का खेल चल रहा है। Monsoon session of Parliament
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