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भाजपा क्षत्रपों को कमान देगी

ByNI Political,
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भाजपा क्षत्रपों को कमान देगी
भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद ऐसा लग रहा है कि इस बात का आभास हो गया है कि राज्यों में अकेले नरेंद्र मोदी के चेहरे और अमित शाह की रणनीति पर चुनाव नहीं जीता जा सकता है। राज्यों में भी प्रादेशिक क्षत्रपों से मुकाबला करने के लिए भाजपा को लोकप्रिय चेहरों की जरूरत है। भाजपा ने प्रदेश में लोकप्रिय चेहरा होने का फायदा कर्नाटक में देखा है। वहां बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा चुनाव में न सिर्फ भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनवाया, बल्कि कांग्रेस और जेडीएस की सरकार गिरा कर भाजपा की सरकार भी बनवाई। वे 77 साल के हैं फिर भी पार्टी ने उनकी उपयोगिता और क्षमता को देखते हुए उनको उम्र के बंधन से आजाद रखा है। ऐसा ही सबक भाजपा ने झारखंड में अपनी चुनावी हार से सीखा है। पार्टी ने वहां अपने पुराने स्वंयसेवक और राज्य के सबसे पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की घर वापसी कराई है। खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रांची जाकर एक भव्य कार्यक्रम में मरांडी को भाजपा में शामिल कराया। इससे आदिवासी वोटों में तो एक मैसेज जाएगा ही साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ेगा। इसी रणनीति के तहत मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को आगे किया जा सकता है। पार्टी दूसरे राज्यों में भी मजबूत क्षत्रपों को कमान देकर आगे की चुनावी रणनीति बनाएगी। दिल्ली में भी मनोज तिवारी की जगह किसी पुराने और स्थानीय नेता को कमान दी जा सकती है।
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