ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक खेल कूटनीति के जरिए राजनीति साधने में लगे हैं। उनके राज्य में अगले साल लोकसभा के चुनाव साथ साथ विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं। इसका मतलब है कि चुनावी साल शुरू हो चुका है और इसकी शुरुआत पुरुष हॉकी के विश्वकप के साथ हो रही है। ओड़िशा के दो शहरों- भुवनेश्वर और राउरकेला में इस बार हॉकी का विश्वकप होगा। इसका आयोजन 13 से 19 जनवरी के बीच भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम और राउरकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम में होगा। उससे पहले पटनायक ने ऐलान किया कि अगर भारतीय टीम विश्वकप जीतती है तो हर खिलाड़ी को राज्य सरकार एक एक करोड़ रुपए देगी।
इस आयोजन को लेकर नवीन पटनायक की सरकार ने कई बड़ी परियोजनाएं शुरू की थीं। इस आयोजन से ठीक पहले राउरकेला से नई विमानन सेवा भी शुरू हुई, जिसे सात जनवरी को हरी झंडी दिखाई गई। केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत इसकी शुरुआत हुई लेकिन राज्य सरकार ने इसे अपना आयोजन बना लिया। इस आयोजन के विज्ञापन में विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की तस्वीर कहीं नहीं दिखी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम या तस्वीर भी नहीं छापी गई। ओडिशा के भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पर आपत्ति जताई है।
बहरहाल, यह भी कहा जा रहा है कि हॉकी विश्वकप आयोजन के उद्घाटन के मौके पर नवीन पटनायक ने सभी विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है। ध्यान रहे नवीन पटनायक अब तक भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के प्रयासों से दूर रहे हैं। उन्होंने भाजपा और विपक्ष से समान दूरी का मैसेज दिया लेकिन मोटे तौर पर भाजपा की केंद्र सरकार को मुद्दा आधारित समर्थन देते रहे। अब चुनाव से पहले वे भाजपा से दूरी बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजू जनता दल में सौ साल तक ओड़िशा के लोगों की सेवा करने की क्षमता है। ध्यान रहे पिछली बार ओड़िशा में भाजपा ने लोकसभा की आठ सीटें जीत ली थीं लेकिन विधानसभा में वह बीजू जनता दल को नुकसान नहीं पहुंचा पाई थी। इस बार नवीन पटनायक का प्रयास लोकसभा में भी भाजपा को रोकने का है। विपक्ष उनके इस प्रयास में शामिल हो सकता है।