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अब केजरीवाल क्या करेंगे?

ByNI Political,
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अब केजरीवाल क्या करेंगे?
दिल्ली में एनसीटी कानून लागू होने के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या करेंगे? उनके पास अब करने को कुछ नहीं रह गया। वे कोई भी योजना बनाएंगे या कोई भी फैसला करेंगे तो उसका भविष्य उप राज्यपाल के हाथ में होगा। उप राज्यपाल ने मंजूरी दी तो योजना लागू होगी और नहीं मंजूरी दी तो योजना ठंडे बस्ते में! ऐसी स्थिति में क्या केजरीवाल चुपचाप बैठ कर तमाशा देखते रहेंगे या अपनी वर्ल्ड फेमस चतुराई से कोई रास्ता निकालेंगे? वे चुप बैठने वाले तो नहीं हैं। लेकिन उनके पास भी विकल्प कम बचे हैं। वे प्रचार और मीडिया के जरिए ही अपने को इस संकट की स्थिति से निकाल सकते हैं। यह काम उनको जल्दी करना होगा क्योंकि अगले साल दिल्ली में तीनों नगर निगम के चुनाव होने हैं। उनकी पार्टी के जानकार नेताओं का कहना है कि अब हर फैसले की फाइल उप राज्यपाल को भेजने के साथ साथ उसकी एक कॉपी मीडिया को भेजी जा सकती है और उसे दूसरे प्रचार माध्यमों से प्रचारित किया जा सकता है ताकि लोगों को पता चले कि दिल्ली सरकार उनके लिए क्या करना चाह रही है। हालांकि केजरीवाल को अब प्रचार में मुश्किल होगी क्योंकि सरकार का प्रचार बजट अब बहुत कम हो जाएगा। उप राज्यपाल कार्यालय से दिल्ली सरकार के भारी भरकम प्रचार बजट की मंजूरी संभव नहीं है। इसलिए केजरीवाल को सोशल मीडिया की अपनी ताकत और पारंपरिक मीडिया में अपने शुभचिंतकों के सहारे राजनीति और प्रशासन दोनों चलाना होगा। वे अब कुछ नहीं कर पाने का सारा ठीकरा उप राज्यपाल और इस तरह केंद्र सरकार पर फोड़ सकते हैं। आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि अब हर जगह यह प्रयास किया जाएगा कि उप राज्यपाल को केंद्रीय गृह मंत्री का प्रतिनिधि बताया जाए। उनका यह भी कहना था कि अगर भाजपा किसी राजनीतिक व्यक्ति को उप राज्यपाल बना दे तो आम आदमी पार्टी का काम आसान हो जाएगा।
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