भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। अगले साल 15 अगस्त को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने हैं, जिसके मौके पर पूरे साल का कार्यक्रम चल रहा है। लेकिन इस कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पूरी तरह से नदारद हैं। वैसे भी केंद्र सरकार की प्रचार सामग्री से उनको पहले ही हटा दिया गया था। इस साल तो उनकी जयंती पर संसद के सेंट्रल हॉल में हुए कार्यक्रम में दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी भी नहीं गए और न भाजपा का कोई बड़ा नेता, मंत्री गया। जानकार सूत्रों के मुताबिक अमृत महोत्सव के मौके पर सरकार की ओर से तैयार कराई गई प्रचार सामग्री से नेहरू पूरी तरह से गायब हैं। बताया जा रहा है कि हर विभाग को ऊपर से निर्देश दिया गया है कि नेहरू का कहीं जिक्र नहीं आना चाहिए और न उनकी फोटो लगनी चाहिए।
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सोचें, आजादी के अमृत महोत्सव पर पूरे साल सरकार का कार्यक्रम चलेगा लेकिन कोई कार्यक्रम नेहरू पर नहीं होगा और आजादी की लड़ाई में या आजादी के बाद देश के निर्माण में उनकी भूमिका के बारे में कुछ भी नहीं बताया जाएगा। यह भी खबर है कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी को सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से ही दिखाना है। उनको भी एकाध जगह दिखा कर खानापूर्ति करनी है। बाकी अमृत महोत्सव में या तो 1885 में कांग्रेस के बनने से पहले खासतौर से 1857 की लड़ाई के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताना है या फिर 2014 के बाद बनी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देनी है। ध्यान रहे फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा था कि आजादी भीख में मिली थी और असली आजादी 2014 के बाद मिली है। उसी तर्ज पर सरकार आजादी का अमृत महोत्सव यह मान कर मना रही है कि देश को 2014 में असली आजादी मिली है।
अमृत महोत्सव में न गांधी न नेहरू!
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