nayaindia new governors appointed modi government आनंदी बेन बनी रहेंगी, कैप्टेन को कुछ नहीं मिला
रियल पालिटिक्स

आनंदी बेन बनी रहेंगी, कैप्टेन को कुछ नहीं मिला

ByNI Political,
Share

देश के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और उप राज्यपाल बदले गए हैं। इनमें से आधे राज्य ऐसे हैं, जहां चुनाव चल रहे हैं या इस साल और अगले साल चुनाव होने वाले हैं। कई राज्यों में राज्यपाल का पद खाली थी और दो राज्यों में राज्यपालों का कार्यकाल पूरा हो गया थे। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का कार्यकाल पूरा हो गया है। मुखी का कार्यकाल पिछले साल अक्टूबर में पूरा हुआ था। गंगा प्रसाद का कार्यकाल पिछले साल अगस्त में, जबकि आनंदी बेन पटेल का कार्यकाल पिछले महीने जनवरी में पूरा हुआ।

मुखी असम के साथ पूर्वोत्तर के एक दो राज्यों के प्रभारी राज्यपाल भी थे। उनकी जगह नया राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में अब राज्यपाल नियुक्त हो गए हैं। असम में राजस्थान के नेता गुलाब चंद कटारिया को राज्यपाल बनाया गया है। वे राजस्थान भाजपा के सबसे पुराने और मजबूत नेताओं में से एक हैं। इस साल राज्य में  चुनाव होने वाले हैं उससे पहले कटारिया को राज्य की राजनीति से हटा कर असम का राज्यपाल बनाया गया है। कटारिया की उम्र 78 साल हो गई और 75 साल से ज्यादा उम्र के नेता के चुनाव नहीं लड़ने के भाजपा के अघोषित नियम के मुताबिक अब वे चुनाव नहीं लड़ पाते। तभी उनको राज्यपाल बनाया गया है।

पूर्वोत्तर के बाकी राज्यों में मेघालय में राज्यपाल का पद सत्यपाल मलिक के हटने के बाद से खाली था। अब वहां बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को राज्यपाल बना कर भेजा गया है। मणिपुर के राज्यपाल ला गणेश को नगालैंड का राज्यपाल बनाया गया है और छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है। सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद की जगह लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को वहां का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रिटायर ब्रिगेडियर डॉक्टप बीडी मिश्रा को लद्दाख का उप राज्यपाल बनाया गया है और उनकी जगह कैवल्य त्रिविक्रम परनाईक को अरुणाचल का राज्यपाल बनाया गया है।

सो, जिनका कार्यकाल पूरा हो गया था उनमें से आनंदी बेन पटेल इकलौती राज्यपाल हैं, जो अपने पद पर बनी हुई हैं। माना जा रहा है कि कम से कम अगले लोकसभा चुनाव तक वे उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनी रहेंगी। पिछले साल अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन उन्हें थोक के भाव हुई नियुक्तियों में भी कोई जगह नहीं मिली। जब से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पद छोड़ने की पेशकश की थी तब से चर्चा थी कैप्टेन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया जा सकता है। लेकिन झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र भेज दिया गया। कैप्टेन के साथ साथ ओम माथुर और प्रभात झा के राज्यपाल बनने की भी चर्चा थी।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें