कांग्रेस पार्टी में नए नए प्रयोग हो रहे हैं। जैसे नए अध्यक्ष के साथ चार नेताओं को लगाया गया है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष का एक राजनीतिक सचिव होता था और बाकी टीम परदे के पीछे से काम करती थी। लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष बनने के बाद चार लोगों की टीम बनाई। यह टीम उनके लिए समन्वय का काम तो करती ही है साथ ही सारे दिन टेलीविजन चैनलों की बहस और दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में भी शामिल होती है। अभी तक खड़गे ने अपना संगठन नहीं बनाया है और माना जा रहा है कि फरवरी के अंत में रायपुर में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन के बाद ही वे संगठन बनाएंगे। उससे पहले उन्होंने एक भारी भरकम स्टीयरिंग कमेटी बनाई। कार्य समिति भंग हो गई और महासचिवों के इस्तीफे हो गए। उसके बाद यह स्टीयरिंग कमेटी काम कर रही है।
अब एक नया प्रयोग देखने को मिला है राजनीतिक मामलों की समिति है। कांग्रेस ने दो राज्यों के लिए पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी बनाई है। हो सकता है कि पहले कभी चुनाव वगैरह के समय इस तरह की कमेटी बनी हो लेकिन यह नए प्रयोग का हिस्सा लग रहा है। मध्य प्रदेश में राजनीतिक मामलों की समिति बनी है, जिसके प्रमुख प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ हैं। सोचें, वे पहले से अध्यक्ष हैं और पार्टी संगठन चला रहे हैं तो उनको ही एक नई कमेटी का प्रमुख बनाने का क्या मतलब है? इसी तरह असम में भी राजनीतिक मामलों की एक कमेटी बनी है। ध्यान रहे राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक मामलों की समिति आम आदमी पार्टी की है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह सारे अहम फैसले करती है। क्या कांग्रेस ने वैसा कोई प्रयोग करने जा रही है?