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बिहार में महागठबंधन की नई रणनीति

ByNI Political,
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बिहार में महागठबंधन की नई रणनीति
बिहार में महागठबंधन यानी राजद, जदयू, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों का गठबंधन बिहार में भाजपा के खिलाफ नई रणनीति पर काम कर रहा है। यह रणनीति भाजपा का कोर वोट विभाजित करने की है। इस रणनीति के तहत महागठबंधन की पार्टियां दो सबसे मजबूत वोट बैंक पर काम कर रही हैं, जो भाजपा के साथ जुड़ा हुआ है और काफी प्रभावी है। इसमें एक भूमिहार और दूसरा मल्लाह है। ये दोनों जातियां राजनीतिक रूप से काफी प्रभावी हैं। विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी के सहारे महागठबंधन ने मल्लाह वोट में सेंध लगाई है। मुकेश सहनी की पार्टी भाजपा ने तोड़ दी थी, जिससे नाराज होकर वे भाजपा विरोध में लगे हैं। उन्होंने कुढ़नी सीट पर हुए उपचुनाव में एक मजबूत भूमिहार उम्मीदवार उतार कर खूब मेहनत की है। इसका मकसद सिर्फ भाजपा को हराना है। इसी तरह महागठबंधन की सभी पार्टियों ने भूमिहार नेताओं को खास तरजीह दी है। कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वे मजबूत, लोकप्रिय और साधन संपन्न नेता हैं। अगर उनके हिसाब से कांग्रेस को सीटें मिलें और उम्मीदवार तय हों तो भाजपा के कोर भूमिहार वोट में बड़ी सेंध लगेगी। महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी भूमिहार जाति से आते हैं और एक निश्चित इलाके में उनकी भी मजबूत पकड़ है। सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में अनंत सिंह एक मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं और पिछले दिनों हुए विधान परिषद चुनाव में राजद ने पांच भूमिहार उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से तीन जीते। सो, राजद, जदयू और कांग्रेस ने भूमिहार नेताओं को तरजीह दी है तो दूसरी ओर भाजपा ने इस समाज के विजय सिन्हा को नेता प्रतिपक्ष बना कर बड़ा मैसेज दिया है।
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