भारत और चीन की सीमा पर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक स्थिति क्या है यह पता नहीं चल पा रहा है। इसका कारण यह है कि सरकार आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बता रही है। पहले कहा गया कि भारत और चीन के बीच सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर जो सहमति बनी है उसके मुताबिक चीन पीछे हट रहा है। यह बात भी आमतौर पर सूत्रों के हवाले से ही कही गई। सेना और सरकार के सूत्रों ने भी एक खास न्यूज एजेंसी को ही इसकी जानकारी दी। देश की सबसे बड़ी और पुरानी न्यूज एजेंसी की बजाय इस नई एजेंसी को ही आजकल सारी जानकारी दी जाती है। उस एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चीन पीछे हट रहा है।
अब उसी एजेंसी ने फिर सेना के सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन पीछे नहीं हट रहा है। उसने कहा है कि चीन के 40 हजार सैनिक तैनात हैं। उसने यह भी बताया है कि इन सैनिकों के पास लड़ाई की भारी मशीनें हैं और चीन ने कई इलाकों में स्थायी निर्माण किया हुआ है। इस एजेंसी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन हॉट स्प्रिंग और गोगरा में पीछे नहीं हट रहा है क्योंकि उसको लग रहा है कि वह पीछे हटेगा तो भारत ऊंचाई पर रणनीतिक पोजिशन हासिल कर लेगा।
इस एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि चीन फिंगर पांच से पीछे नहीं हट रहा है। सवाल है कि वह फिंगर पांच पर कब से बैठा है? अप्रैल से पहले तक फिंगर चार भारत की तरह की वास्तविक नियंत्रण रेखा है और फिंगर आठ चीन के तरफ की एलएसी है। पर अब सूत्र बता रहे हैं कि चीन फिंगर पांच के पास है और पीछे नहीं हट रहा है। ये सब हैरान करने वाली या एक दूसरे की विरोधाभासी बातें एक खास एजेंसी के जरिए मीडिया को दी जा रही हैं। सरकार खुद इस लोगों को वास्तविकता बता कर उनको भरोसे में लेने का प्रयास क्यों नहीं कर रही है।