Nitish Kumar Tejashwi yadav जाति आधारित जनगणना के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात का कोई ब्योरा केंद्र सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया। इसलिए मुलाकात के तुरंत बाद जाति जनगणना का मसला तो हाशिए में चला गया। लेकिन मिलने के बाद साझा प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश और तेजस्वी के बीच जैसी केमिस्ट्री दिखी वह चर्चा का विषय है। बिहार में इसी बात की ज्यादा चर्चा है कि दोनों के बीच सद्भाव दिखा और मुख्यमंत्री ने तेजस्वी की तारीफ करते हुए कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री से मिलने का आइडिया उनका था। तेजस्वी ने इस पर तत्काल मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा।
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असल में बिहार में इस समय सत्तारूढ़ गठबंधन की दोनों पार्टियों भाजपा और जदयू के बीच शह-मात का खेल चल रहा है। भाजपा बार बार इस बात का अहसान जता रही है कि उसके पास 75 सीटें हैं फिर भी उसने 45 सीट वाले नीतीश को सीएम बनाया है। दूसरी ओर जदयू के नेता इसकी भड़ास निकाल रहे हैं कि भाजपा ने चिराग पासवान को आगे करके विधानसभा चुनाव में जदयू को हरवाया। नगालैंड में जदयू के आठ विधायकों को भाजपा में शामिल कराने का घाव भी अभी हरा है और केंद्र में सिर्फ एक मंत्री बनाए जाने की नाराजगी भी है। इस बीच यह खबर उड़ गई है कि जदयू के वरिष्ठ नेता के सहारे ही भाजपा बिहार में पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रही है। ऐसे में नीतीश ने तेजस्वी के साथ अपनी केमिस्ट्री सार्वजनिक रूप से दिखा कर भाजपा को एक मैसेज दिया है। अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह 2024 के लोकसभा में जदयू, राजद और कांग्रेस साथ लड़ जाते हैं तो भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल होगी।