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चुनाव सुधारों से चिंतित विपक्ष

विपक्षी पार्टियां भाजपा और नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान से ज्यादा चुनाव आयोग की ओर से किए जा रहे सुधारों से चिंतित हैं। इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम तो सिर्फ एक चीज है, पर विपक्षी पार्टियों की चिंता जाहिर हो रही है। लेकिन असल में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां आयोग की ओर से प्रस्तावित कई और सुधारों को लेकर चिंतित हैं। उनको लग रहा है कि इन सुधारों से वोटिंग प्रतिशत बढ़ेगा, जिसका फायदा भाजपा को होगा और उनको घाटा हो सकता है। तभी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई और इसके कई पहलुओं पर चर्चा की।

इससे पहले कांग्रेस ने ईवीएम को लेकर विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी और साथ ही कई तकनीकी जानकारों को भी बुलाया गया था, जिन्होंने ईवीएम की कमियां बताईं और बाद में कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलने गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इस पूरी प्रक्रिया में शामिल थे। तब कांग्रेस का मुख्य विरोध रिमोट ईवीएम को लेकर था, जिसका प्रस्ताव चुनाव आयोग ने दिया है। शरद पवार की चिंता भी रिमोट ईवीएम को लेकर है। इसके जरिए किसी राज्य का मतदाता दूसरे राज्य से भी वोट डाल सकेगा। विपक्षी पार्टियों ने इसकी कई व्यावहारिक समस्याएं चुनाव आयोग को बताई हैं। लेकिन पुरानी कहावत है कि जिस विचार का समय आ जाता है उसे कोई रोक नहीं सकता है।

सो, देर सबेर रिमोट ईवीएम का प्रयोग होने जा रहा है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने कुछ और प्रस्ताव किए हैं, जिनको लेकर विपक्षी पार्टियां चिंतित हैं। इसमें सबसे ताजा प्रस्ताव प्रवासी भारतीयों को इलेक्ट्रोनिक बैलेट भेजने का है। चुनाव आयोग चाहता है कि दुनिया के दूसरे देशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों को भी मतदान करने का मौका मिले और इसके लिए उन्हें भारत आने की जरूरत न हो। इस योजना के तहत आयोग ने उनको इलेक्ट्रोनिक बैलेट भेजने का प्रस्ताव किया है। चाहे कांग्रेस हो या एनसीपी या दूसरी विपक्षी पार्टी उनको लग रहा है कि प्रवासी भारतीयों का वोट भाजपा को जाएगा। कई नेता इसमें गड़बड़ी की संभावना भी मान रहे हैं। इसलिए यह भी एक चिंता का मामला है।

इसके अलावा चुनाव आयोग ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर बैठे वोटिंग की व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है। इसके मुताबिक 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं और दिव्यांगों को वोट डालने के लिए बूथ पर जाने की जरूरत नहीं है। उनको घर पर बैलेट देकर वोटिंग कराई जाएगी और उनकी वोटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। विपक्ष को लग रहा है कि यह व्यवस्था भी भाजपा को फायदा पहुंचाएगी। कह सकते हैं कि चुनाव आयोग जितने नए प्रस्ताव ला रहा है या सुधार की बात कर रहा है उनसे विपक्ष को आपत्ति है।

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