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आरक्षण का पंडोरा बॉक्स खुल गया है

ByNI Political,
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आरक्षण का पंडोरा बॉक्स खुल गया है
आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिए गए 10 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अब आरक्षण का पंडोरा बॉक्स खुल गया है। आरक्षण की 50 फीसदी की अधिकतम सीमा टूट गई है। वैसे पहले भी तमिलनाडु में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण है लेकिन अब ईडब्लुएस आरक्षण को संवैधानिक रूप से सही मानने के संविधान पीठ के फैसले के बाद अपने यह यह दायरा खत्म हो गया है। तभी कई राज्यों ने एक एक करके आरक्षण की सीमा बढ़ानी शुरू कर दी है। आदिवासी बहुल दो राज्यों- छत्तीसगढ़ और झारखंड ने इसकी पहल कर दी है। झारखंड में तो आरक्षण की सीमा 77 फीसदी हो गई है। राज्य सरकार ने विधानसभा से इसका कानून पास कर दिया है। सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ा कर 27 फीसदी कर दिया और ईडब्लुएस आरक्षण भी 10 फीसदी रहने दिया। इससे कुल आरक्षण 77 फीसदी पहुंच गया। इसी तरह छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अन्य पिछड़ी जाति यानी ओबीसी का आरक्षण आबादी के अनुपात में बढ़ा कर 27 फीसदी कर दिया है। आदिवासी आरक्षण भी बढ़ा कर 32 फीसदी कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकार ने ईडब्लुएस आरक्षण चार फीसदी कर दिया है, जिससे वहां कुल आरक्षण 72 फीसदी हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आरक्षण बढ़ाने की बात कही है। जाति जनगणना के बाद वहां भी आरक्षण बढ़ जाएगा। जिस तरह झारखंड व छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण ज्यादा है वैसे वहां ओबीसी आरक्षण 30 फीसदी से ज्यादा कर दिया जाएगा।
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