
सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला दिन था। पहले दिन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक से पहले ही यह खबर आ गई कि सत्र पहले खत्म किया जा सकता है। ध्यान रहे बजट सत्र का पहला चरण भी दो दिन पहले खत्म कर दिया गया था। पहला चरण 15 फरवरी को खत्म होना था लेकिन 12 फरवरी को ही अवकाश घोषित हो गया। उसी तरह दूसरा चरण आठ अप्रैल तक चलना है लेकिन कहा जा रहा है कि सत्र उससे काफी पहले खत्म किया जा सकता है। ऐसा पांच राज्यों में चल रहे चुनाव की वजह से किए जाने की खबर है।
बताया जा रह है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं को छोड़ कर बाकी सभी नेता और दूसरी पार्टियों के नेता समय से पहले सत्र खत्म करने के पक्ष में हैं। सबको पता है कि सत्र में सिर्फ सरकारी काम होने हैं। किसान आंदोलन से लेकर चीन के मसले पर पहले चर्चा हो चुकी है और अब सरकार दोबारा इन पर चर्चा नहीं कराएगी। सरकार विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को पास कराएगी और फिर वित्त विधेयक पास होगा। उसके अलावा कुछ अन्य विधेयक भी लंबित हैं, जिन्हें पास कराने का प्रयास होगा। इनमें सिर्फ विद्युत नियामक विधेयक ही कुछ विवाद का है बाकी सारे विधेयकों के पास होने में कोई समस्या नहीं आएगी। तभी कहा जा रहा है कि 29 मार्च को होली से पहले ही सत्र खत्म हो सकता है।