राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

मोदी पर निजी हमले से नुकसान

नेहरू गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता जैसी बातें करते हैं या सोशल मीडिया में जिस तरह का प्रचार होता है वैसा प्रचार या वैसी राजनीति नरेंद्र मोदी के परिवार को लेकर नहीं की जा सकती है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं के नेहरू गांधी परिवार और मोदी परिवार के फर्क को समझना चाहिए। नेहरू गांधी परिवार एक सौ साल से ज्यादा समय से सार्वजनिक जीवन में है। मोतीलाल नेहरू से लेकर उनकी पांचवीं पीढ़ी में राहुल गांधी तक सब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। परिवार के तीन लोग प्रधानमंत्री रहे हैं। देश को बनाने और कुछ हद तक बिगाड़ने में भी परिवार की भूमिका रही है।

इसके उलट नरेंद्र मोदी के परिवार का कोई भी व्यक्ति राजनीति में नहीं है। उनके पिता स्वर्गीय दामोदर दास मोदी या उनकी मां स्वर्गीय हीरा बेन का राजनीति से कोई लेना देना नहीं था। हाल में उनकी मां का देहांत हुआ और जिस तरह चुपचाप या सादगी से उनका अंतिम संस्कार हुआ वह मिसाल है। फिर भी अगर कांग्रेस का कोई नेता उनके पिता या उनकी मां को राजनीति में घसीटता है और बेहद घटिया राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बनाता है तो वह अपना नुकसान करता है। इस तरह की बातों से मोदी की लोकप्रियता पर असर नहीं होता। उलटे उनके प्रति सहानुभूति बढ़ती है।

राजनीतिक नजरिए से देखें तब भी कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने नरेंद्र मोदी के स्वर्गीय पिता को लेकर जो बयान दिया वह बहुत गलत था। लेकिन मानवीय नजरिए से तो बेहद घटिया बयान था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के ऊपर ईडी के छापों के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए उनको ‘नरेंद्र गौतम दास मोदी’ कहा। फिर सुधारा और वापस अपने साथ बैठे व्यक्ति से पूछा कि ‘दामोदार दास या गौतम दास’! इससे पहले जब प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में कहा था कि नेहरू इतने महान थे तो उनके वंशज उनका सरनेम क्यों नहीं लगाते हैं तब भी पवन खेड़ा ने एक ट्विट किया था, जिसमें लिखा- कई बार लगता है कि मणिशंकर अय्यर की जुबान पर साक्षात सरस्वती बैठ जाती हैं। उनका इशारा अय्यर द्वारा मोदी को ‘नीच’ कहे जाने की ओर था।

ध्यान रहे कांग्रेस और उसके नेता गौतम अदानी के साथ प्रधानमंत्री की नजदीकी को निशाना बना रहे हैं। अदानी को मोदी का मित्र बताया जा रहा है और राहुल गांधी सहित तमाम कांग्रेस नेता अमृत काल को मित्र काल लिख और बोल रहे हैं। इसमें किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है। लेकिन पवन खेड़ा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में जो कहा वह बहुत घटिया है। अच्छा होता अगर वे खुद और कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता सामने आकर माफी मांगते। इस तर्क से कांग्रेस इसे जस्टिफाई नहीं कर सकती कि भाजपा की ओर से नेहरू गांधी परिवार पर भी हमला होता है।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *