रियल पालिटिक्स

पेट्रेलियम कंपनियों का अहसान और झूठ

ByNI Political,
Share
पेट्रेलियम कंपनियों का अहसान और झूठ
जो काम सत्तारूढ़ पार्टी के नेता, प्रवक्ता या सरकार के मंत्री आदि कर रहे हैं वहीं काम अब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने भी करना शुरू कर दिया। संभवतः पहली बार ऐसा हुआ है कि पेट्रोलियम मंत्रालय और सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों ने आम जनता पर अहसान करने का बयान दिया और आधी सूचना के जरिए झूठ पेश किया। रविवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने के बाद उसे सही ठहराते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव और पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि कच्चे तेल के दाम जितने बढ़े हैं उन सबका भार आम लोगों पर नहीं डाला गया है। कंपनियों ने यह नहीं बताया कि जुलाई से सितंबर तक जब कच्चे तेल के दाम काफी कम हो गए थे तब लोगों को उसका पांच-दस परसेंट भी लाभ उन्होंने लोगों को नहीं दिया। उस पूरी अवधि में पेट्रोल के दाम में सवा रुपए लीटर की कमी की गई थी और पिछले 10 दिन में ही कीमत ढाई रुपए बढ़ा दी गई। यानी ढाई-तीन महीने में जितना कम किया, 10 दिन में उसका दोगुना बढ़ा दिया। यह भी पढ़ें: छुआ-छूत पर ब्राह्मणों की झूठी बदनामी इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने लोगों पर अहसास जताते हुए कहा कि भारत में ब्रिटेन की तरह तेल की कमी नहीं होने दी गई है। यह एक किस्म का झूठ है, जो अधिकारियों ने जनता को सामने पेश किया। ब्रिटेन में तेल की कमी इसलिए नहीं हो गई है कि तेल की कीमत बहुत ज्यादा है या तेल की आपूर्ति कम है। वहां तेल की कमी इसलिए हुई है क्योंकि वहां ट्रक और ड्राइवर दोनों की कमी हो गई है। कोरोना की वजह से वहां ट्रकों का सर्टिफिकेशन और ड्राइवरों की ट्रेनिंग बंद है। ऊपर से यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के बाद से ही वहां ट्रक और ड्राइवर दोनों की कमी हुई है। इस वजह से रिफाइनरी से रिटेलर के यहां तक तेल पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। सोचें, इस बात का भारत के संदर्भ में क्या मतलब है, जो पेट्रोलियम कंपनियों ने इसका जिक्र किया?
Published

और पढ़ें